CAA Delhi Protest: अफवाहों के जरिये पुलिस को किया जा रहा बदनाम, माहौल बिगाड़ने की कोशिश
CAA Delhi Protest जामिया नगर इलाके में हुई हिंसा से संबंधित कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके पुलिस को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध की आड़ में सरकार व पुलिस को बदनाम करने के भी तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। रविवार को हुई हिंसा से संबंधित कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके पुलिस को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
असामाजिक तत्व पुलिसवालों की फोटो वायरल करके उन्हें आरएसएस व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का पदाधिकारी बताकर पुलिस से सवाल कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आरएसएस व एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की जैकेट पहनकर जामिया के छात्रों पर लाठी बरसाई। हालांकि वायरल फोटो और वीडियो पर सफाई देते हुए दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिश्वाल ने कहा कि जिन दो लोगों की फोटो वायरल की जा रही है वें दोनों ही दिल्ली पुलिस के स्टाफ हैं।
पुलिस ने बताई सच्चाई
मंगलवार को इस मामले पर चिन्मय बिश्वाल ने कहा कि स्काई-ब्लू जींस व रेड टी-शर्ट के साथ पुलिस की लाइफ सेवर जैकेट व हेल्मेट पहले लाठी लिए जिस युवक को एबीवीपी का सीनियर एग्जिक्यूटिव कमेटी मेंबर भरत शर्मा के रूप में पेश किया जा रहा है दरअसल वह साउथ दिल्ली के एएटीएस में तैनात कांस्टेबल अरविंद कुमार हैं। वह सादे कपड़ों में मौके पर तैनात किए गए थे। एबीवीपी व आरएसएस से उनका कोई संबंध नहीं है।
बिश्वाल ने बताया कि शरारती तत्वों ने मौके पर तैनात अरविंद की तस्वीर खींचकर उसे गलत तरीके से सोशल मीडिया पर प्रसारित किया। ऐसा करने वाले की भी पहचान की जा रही है ताकि उस पर कार्रवाई की जा सके। वहीं, दैनिक जागरण से बातचीत में कांस्टेबल अरविंद ने कहा कि उन्हें इस पोस्ट के बारे में मंगलवार को तब पता चला जब उनके पास कई लोगों के फोन आए। उन्हें बताया गया कि उन्हें आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में प्रचारित कर यह कहा जा रहा है कि वह जामिया छात्रों पर लाठियां बरसा रहे थे।
दूसरी तस्वीर में दिख रहा युवक भी पुलिसकर्मी
सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस एक युवक प्रदर्शनकारी की पिटाई कर रही है। इसमें पिटाई में खंजाला नाम की एक युवती भी घायल हुई है। इसमें नीली जींस, लाल शर्ट व पुलिस की जैकेट व हेल्मेट पहने एक युवक लाठी चलाता नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को भी वायरल करके कहा जा रहा है कि यह आरएसएस कार्यकर्ता है और पुलिस की शह पर वह जामिया के छात्रों व प्रदर्शनकारियों को पीट रहा है। चिन्मय बिश्वाल ने स्पष्ट किया है कि यह युवक भी दिल्ली पुलिसकर्मी है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे मौकों पर सादे कपड़ों में भी होती है पुलिस
पुलिस अफसरों का कहना है कि प्रदर्शन, मार्च, दंगा व ऐसे संवेदनशील कार्यक्रम जहां हिंसा या बवाल होने की आशंका होती है, सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाता है ताकि वे उपद्रवियों के बीच में रहकर वहां की स्थिति पर नजर रख सकें और उच्च पुलिस अधिकारियों को समय पर इनकी सूचना दे सकें। सादे कपड़ों में कुछ पुलिसकर्मियों को इसलिए भी तैनात किया जाता है ताकि वे वीडियो, फोटो आदि के जरिये उपद्रवियों को चिन्हित कर सकें। यह पुलिस की कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस की छवि खराब करने के लिए असामाजिक तत्वों ने इस बात का गलत इस्तेमाल किया है।
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