CAA Protest in Delhi: मस्जिद और मदरसों से लोगों को दिया गया अमन का पैगाम
इमामों ने नमाजियों से अमन शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वह कानून को अपने हाथ में न लें।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। दिल्ली में सीएए के विरोध प्रदर्शन के बीच एक अच्छी खबर भी मिली। जहां लोग प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस पर पथराव और गाड़ियों में आग लगा रहे हैं वहीं मस्जिद से लोगों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपील किया गया।
शुक्रवार को यमुनापार की मस्जिद और मदरसों के बाहर पुलिस तैनात रही। इमामों ने नमाजियों से अमन शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वह कानून को अपने हाथ में न लें। जाफराबाद स्थित मदरसा बाब उल उलूम के इमाम मौलाना दाऊद ने कहा कि विरोध करने का मतलब यह नहीं होता कि पत्थरबाजी करें और वाहनों में तोड़फोड़ करें।
परिजन अपने बच्चों पर नजर रखें
परिजन अपने बच्चों पर नजर रखें। न्यू जाफराबाद मस्जिद के इमाम मौलाना तौकिर ने कहा कि विरोध करने का अधिकार संविधान ने दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि सड़कों पर उत्पात मचाएं। कानून के दायरे में रहकर काम करें।
सुबह थी खामोशी
शुक्रवार की सुबह जाफराबाद और सीलमपुर में एक अजीब सी खामोशी थी। आम दिनों के मुकाबले सड़कों पर भीड़ न के बराबर थी, दुकानें भी इक्का दुक्का खुलीं। सड़कों पर जब पुलिस का फ्लैग मार्च हुआ और पुलिस सड़कों पर तैनात दिखी तो कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकाने खोलने की हिम्मत की, लेकिन 12:30 बजे के बाद माहौल अचानक से बदलता चला गया।
जुमे के नमाज के बाद बिगड़ी स्थिति
जुमे की नमाज के बाद सड़कों से पुलिस की भीड़ कम होती गई और लोगों की भीड़ बढ़ती गई। दोपहर तीन बजे के आसपास ब्रह्मपुरी रोड और जाफराबाद रोड पर लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जुटते चले गए। जाफराबाद रोड पर खजूरी, मुस्तफाबाद, चांद बाग के साथ ही उत्तर-प्रदेश के लोनी से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तिरंगे लिए हुए थे। प्रदर्शन में शामिल लोगों का दावा था कि वह सोशल मीडिया के जरिए नहीं, एक दूसरे से फोन के संपर्क से सड़कों पर जुटे हैं। बहुत से प्रदर्शनकारियों ने पेंट से शटर और दीवारों पर सीएए के विरोध में नारे भी लिखे।
सोशल मीडिया से प्रदर्शनकारियों ने बनाई दूरी
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें मालूम है कि पुलिस ने जिले में धारा-144 लगाई हुई है, साथ ही सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है, इसलिए इस बार सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करके फोन का सहारा लिया गया, इसके साथ ही लोग एक दूसरे के घर गए,ताकि लोग जुट सकें। जुमे के बाद सड़कों पर उतरना तय था, किसी नेता या संगठन ने प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया था। पुलिस को एक दिन पहले से ही पता था कि जुमे के बाद प्रदर्शन जरूर होगा, इसी वजह से बृहस्पतिवार को कई मस्जिद और मदरसों में बैठकें की गई थीं।
लोगों ने नहीं मानी अपील
मस्जिद और मदरसे के इमामों की अपील भी लेागों ने नहीं मानी। जाफराबाद और नूर-ए-इलाही में एक तरफ लोग नमाज पढ़ रहे थे तो दूसरी तरफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने भी संयम दिखाया और उन्हें नमाज पढ़ने दी। जाफराबाद में तो पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिक्शे पर माइक भेजा, जिससे नमाज के बाद दुआ की गई।
प्रदर्शन में बच्चों को रखा जाता है आगे
शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में सबसे आगे छोटे बच्चे देखने को मिले। ऐसा ही हाल गत मंगलवार को हुए प्रदर्शन में भी देखने को मिला था। लोगों की माने तो प्रदर्शनकारी बच्चों को इसलिए आगे रखते हैं, ताकि पुलिस जब कार्रवाई करे तो वह उनकी आड़ लेकर खुद को बचा सके। शुक्रवार को हुए प्रदर्शन में पुलिस बच्चों को समझाते हुए भी नजर आई कि यह उनकी पढ़ाई लिखाई की उम्र है, वह घर लौट जाएं।
तीन ओर से पुलिस को घेरा
सीलमपुर लाल बत्ती के पास जाफराबाद रोड पर लोग प्रदर्शन कर रहे थे, पुलिस उन्हें नियंत्रित करने में लगी हुई थी। तभी पुराना सीलमपुर से बड़ी संख्या में लोग जुट गए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। जैसे ही जाफराबाद की ओर से नारा लगता है, वैसे ही पुराना सीलमपुर के लोग भी नारे लगाने लगते। पुलिस इन्हें संभाल ही रही थी कि शास्त्री पार्क की ओर से बड़ी संख्या में लोग आने शुरू हो गए। आधे लोग सीलमपुर फ्लाईओवर पर चढ़ गए और आधे सीलमपुर लाल बत्ती पर आ गए। यह स्थिति पुलिस के लिए चुनौतीपुर्ण हो गई थी, तीनों ओर से पुलिस को घेरा हुआ था। फ्लाईओवर पर चढ़े लोग सड़क पर नीचे खड़े प्रदर्शनकारियों को उकसाने का काम कर रहे थे। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से फ्लाईओवर से लोगों को हटाया।