Home & Flat in Delhi :दिल्ली में घर बनाने के साथ खरीदना भी होगा महंगा
Home Flat in Delhi दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के एक अहम फैसले के बाद दिल्ली घर/फ्लैट का निर्माण करने के लिए नक्शा पास कराने का शुल्क दोगुना हो गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश का राजधानी दिल्ली में आशियााना बनाने का ख्वाब ज्यादातर भारतीय पालते हैं, लेकिन ऐसे लोगों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) ने जोर का झटका जोर से दिया है। दरअसल, डीडीए के अहम फैसले के बाद दिल्ली घर/फ्लैट का निर्माण करने के लिए नक्शा पास कराने का शुल्क दोगुना हो गया है। जाहिर है कि ऐसे में दिल्ली में न केवल घर/फ्लैट का निर्माण करना, बल्कि खरीदना भी महंगा हो गया है। यही वजह है कि दिल्ली में अपना छोटा सा आशियाना बनाने का ख्वाब भी लोगों का धूमिल हो सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2007-08 मास्टर प्लान 2021 में हुए संशोधन के बाद रिहायशी संपत्तियों के लिए फ्लोर एरिया रेश्यो (Floor area ratio) 350 तक विभिन्न श्रेणियों में किया गया था। इसके बाद लगातार बढ़ते सर्किल रेट के बाद डीडीए ने करीब दो वर्ष पहले यह शुल्क दोगुना करने का निर्णय लिया था। वहीं, कई दबावों के चलते इस फैसले को दिल्ली विकास प्राधिकरण लागू नहीं कर सका था।
डीडीए ने जून में दिया था शुल्क बढ़ाने का आदेश
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 28 जून को आदेश निकालकर इस शुल्क में वृद्धि के आदेश दे दिए। जिसे दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने लागू कर दिया है। हालांकि, दिल्ली की विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) इसका विरोध कर रही है।
कैसे पढ़ेगा लोगों पर असर
105 वर्गमीटर के बड़े प्लाट पर निर्मित क्षेत्र के आधार नक्शा पास करने के शुल्क का आंकलन किया जाता है। इस आदेश के बाद अब ए व बी श्रेणी की कॉलोनियों में आने वाली संपत्ति को बिल्डिंग प्लान के लिए 4200 रुपये प्रति वर्ग मीटर के बजाय 9080 रुपये चुकाने होंगे।
डीडीए के आदेश के बाद सी व डी श्रेणी की संपत्ति को 1680 प्रति वर्ग मीटर के बजाय 3632 रुपये प्रति वर्ग मीटर शुल्क देना होगा।
बिल्डिंग प्लान के शुल्क को चुकाने में क्या दिक्कत?
तीनों दिल्ली नगर निगम में से एक के वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जब लोग चार मंजिला मकान बनाने के लिए राशि खर्च कर सकते हैं तो फिर बिल्डिंग प्लान के शुल्क को चुकाने में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सहूलियत के लिए रिहायशी संपत्तियों में अतिरिक्त एफएआर की व्यवस्था की गई थी। जिसका लाभ लेने के लिए अब लोगों को यह शुल्क देना होगा। अधिकारी ने यह भी कहा कि दिल्ली में इतने वर्ष हो गए संपत्तियों के दाम बढ़ रहे हैं सर्किल रेट में भी बढ़ोतरी हो चुकी है, इसलिए शुल्क को बढ़ाया जाना जरूरी है।