कम्युनिटी संक्रमण की बात से कारोबार प्रभावित होने का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अभी तक भारत में कम्यूनिटी संक्रमण की बात नहीं कही है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में कोरोन वायरस का कम्युनिटी संक्रमण होने की बात डॉक्टर कहते रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल व सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव व कम्यूनिटी मेडिसिन के विभागध्यक्ष डॉ जुगल किशोर ने एक बार फिर कम्युनिटी संक्रमण होने की बात कही है। साथ ही डॉक्टर इस बात का इशारा कर रहे हैं कि कम्युनिटी संक्रमण की बात स्वीकार नहीं मानने के पीछे यह डर हो सकता है कि कहीं आर्थिक गतिविधियां प्रभावित न हो जाएं। क्योंकि कई राज्य अपने स्तर से लॉकडाउन की बात करने लगे हैं। साथ ही कोरोना की रोकथाम के लिए अब तक चलाए गए अभियान पर भी सवाल उठाए जाने लगेंगे। संभव है कि ऐसे आरोपों से बचने के लिए भी कम्युनिटी संक्रमण की बात नहीं कही जा रही हो। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अभी तक भारत में कम्यूनिटी संक्रमण की बात नहीं कही है।
डॉ जुगल किशोर ने कहा कि कम्युनिटी संक्रमण की बात सरकार स्वीकार भी कर ले तो अलग से कोई नियम कानून लागू नहीं होता। लॉकडाउन की भी जरूरत नहीं है लेकिन बीमारी की रोकथाम के उपायों व निगरानी अभियान को सख्ती से चलाना पडेगा। क्योंकि कम्युनिटी संक्रमण में यह पता नहीं चलता कि मरीज को संक्रमण कैसे हुआ। शारीरिक दूरी के नियम का पालन सख्ती से करना पडेगा। मृत्यु दर बढने की आंशका रहती है। दिक्कत यह भी है कि सरकार कम्युनिटी संक्रमण की बात मान लेती है तो यह सवाल उठने लगेगा कि शुरुआत में जो कदम उठाए गए वे पूरी तरह सफल नहीं हुए। लेकिन सच यह है कि कम्युनिटी में संक्रमण है। यदि अब कहीं लॉकडाउन होता है तो उसका मतलब है कि पहले इलाज के लिए तैयारियां ठीक नहीं की गईं। साथ ही लॉकडाउन से कामकाज भी प्रभावित होगा।
डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि कम्यूनिटी संक्रमण मान लेने पर पूरा ध्यान इलाज पर देना पडेगा। ऐसी स्थिति में कितने मामले आते हैं यह आंकडा मायने नहीं रखता। मौजूदा समय में ऐसी ही परस्थिति बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अभी तक भारत में कम्यूनिटी संक्रमण की बात नहीं कही है। डॉक्टर कहते हैं कि डब्ल्यूएचओ भी सरकारी आंकडों के आधार पर ही यह तय करता है।