कारोबार : इस फेस्टिवल सीजन पर औंधे मुंह गिरा चाइनीज आइटमों का कारोबार
हर बार फेस्टिवल सीजन में चाइनीज उत्पादों की बाजारों में अच्छी खासी बिक्री होती थी, मगर इस बार ऐसा नहीं है। चाइनीज उत्पादों के बाजार में 60 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज देखी गई।
गुरुग्राम, जेएनएन। हर बार फेस्टिवल सीजन में चाइनीज उत्पादों की बाजारों में अच्छी खासी बिक्री होती थी, मगर इस बार ऐसा नजारा नहीं दिखा। नवरात्र, धनतेरस एवं दीपावली के दौरान चाइनीज उत्पादों के कारोबार में 60 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। हर प्रकार के ग्राहकों ने इन उत्पादों से दूरी बनाए रखी।
हटा दिया बोर्ड
आलम यह रहा है कि ग्राहकों की बेरुखी को देखते हुए चाइना बाजार का बोर्ड कुछ स्थानों पर उनके संचालकों द्वारा उतार कर नीचे रखवा दिया गया था। इसके बावजूद वहां ग्राहकों का टोटा रहा। पिछले दो साल से चाइनीज प्रोडक्ट के विरोध में लगातार अभियान चलाए जाते रहे है।
नुक्कड़ नाटक के जरिए जागरुकता
पिछली बार रैली एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को चाइनीज उत्पादों की खरीद नहीं करने के लिए जागरूक किया गया था। इस बार ऐसा कोई खास अभियान नहीं चलाया गया फिर भी ग्राहकों ने खुद से भी इनसे दूरी बनाए रखी।
देश भक्ति बनी वजह
ग्राहकों का कहना है कि चीन द्वारा लगातार भारतीय सीमा में अतिक्रमण एवं पाकिस्तान को उकसाने का काम किया जा रहा है। ऐसे में चीन निर्मित उत्पादों को खरीद कर उसकी अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने में हम अपना योगदान नहीं देना चाहते।
नहीं बिके चाइनीज बल्ब
पहले लोगों द्वारा घरों को रोशनी से जगमग करने के लिए चाइनीज इलेक्ट्रिक लड़ियों को अधिक खरीदा जाता था। इस बार लोगों ने स्वदेश निर्मित लड़ियों की खरीद की। इलेक्ट्रिक कारोबारी नवरोज नवरोज ने बताया कि उनके दुकान पर काफी कम चाइनीज लड़ियां बिकी हैं।
स्वेदशी का दाम भी ज्यादा और डिमांड भी ज्यादा
जहां चाइनीज लड़ियों की कीमत 50 से 70 रुपये है वहीं स्वेदश निर्मित इस उत्पाद की कीमत 125 से 160 रुपये तक है। फिर भी अधिकतर लोगों ने इसे ही पसंद किया। चाइनीज डिजाइनर दीयों, पूजा की थाली एवं लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति आदि की मांग में भी भारी कमी आई।