Move to Jagran APP

बारिश का कहरः रात में सोते वक्त बिस्तर पर गिरी छत, मां व दो बेटियां घायल

पहले भी दिल्ली एनसीआर में इमारत गिरने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन हादसों में करीब एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है और लगभग 50 लोग घायल हुए हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 06:52 PM (IST)
बारिश का कहरः रात में सोते वक्त बिस्तर पर गिरी छत, मां व दो बेटियां घायल
बारिश का कहरः रात में सोते वक्त बिस्तर पर गिरी छत, मां व दो बेटियां घायल

नई दिल्ली (जेएनएन)। कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने दिल्ली एनसीआर के शहरों की तैयारी की पोल खोल दी है। बारिश की वजह से केवल सरकारी व्यवस्थाओं की ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत तैयारियां भी फेल साबित हो रही हैं। आलम ये है कि एक तरफ एक घंटे की बारिश में भी एनसीआर की सड़कों पर जलभराव से भीषण जाम लग जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बारिश की वजह से लगातार लोगों के घर गिरने के मामले सामने आ रहे हैं।

prime article banner

बारिश की वजह से बुधवार रात किराड़ी एक्सटेंशन पार्ट 2 में राम चन्द्र यादव के मकान की छत अचानक गिर गई। जिस कमरे में छत गिरने से वहां सो रही राम चन्द्र की बहुत और दो पोतियां कोसिता व खुशी घायल हो गईं। तीनों को नजदीक के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल तीनों की हालत खतरे से बाहर है।

मकान मालिक के अनुसार उन्होंने छह माह पहले ही घर की मरम्मत कराई थी। बावजूद लगातार बारिश होने की वजह से घर की छत गिर गई। शुक्र है छत पूरी तरह से नहीं गिरी है। छत से प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा ही टूटकर गिरा है। इस वजह से दो मासूम बच्चियों और उनकी मां की जान बच गई।

मालूम हो कि इससे पहले भी दिल्ली एनसीआर में इमारत गिरने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इन हादसों में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। बारिश के दौरान मकान गिरने का पहला मामला ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में सामने आया था। यहां अवैध रूप से बनाई गई नई बहुमंजिला बिल्डिंग बारिश की वजह से धऱाशाई हो गई थी। इस वजह से बिल्डिंग में रह रहे आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें पांच एक ही परिवार के थे। गाजियाबाद, नोएडा, खोड़ा व दिल्ली में भी इमारत गिरने के कई मामले सामने आ चुके है। इनमें करीब एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि लगभग 50 लोग घायल हुए हैं।

सड़कों की ड्रिलिंग भी है बड़ी वजह

एनसीआर के शहरों में इमारत गिरने की एक बड़ी वजह आए दिन होने वाली सड़कों की ड्रिलिंग को भी माना जा रहा है। जानकारों के अनुसार एनसीआर के शहरों में लगभग प्रतिमाह हर सड़क पर कभी पानी की लाइन तो कभी इंटरनेट की लाइन डालने के लिए ड्रिलिंग की जाती है। ड्रिलिंग के बाद संबंधित एजेंसी सड़क के नीचे किए गए ड्रिल की सही से भराई नहीं करती है। इस वजह से उसके आसपास मिट्टी धंसनी शुरू हो जाती है। इसका असर आसपास की इमारतों और सड़कों पर भी पड़ता है। यही वजह है कि एनसीआर में बारिश के दौरान सड़क धंसने के काफी ज्यादा मामले सामने आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.