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ट्रायल के तौर पर बिकना शुरू हुआ बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाला पेट्रोल-डीजल, जानिए खासियत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर जिले में अब नए मानक वाला फ्यूल बिकना शुरू हो गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:52 PM (IST)
ट्रायल के तौर पर बिकना शुरू हुआ बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाला पेट्रोल-डीजल, जानिए खासियत
ट्रायल के तौर पर बिकना शुरू हुआ बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाला पेट्रोल-डीजल, जानिए खासियत

फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते जा रहे प्रदूषण को लेकर एक अप्रैल 2020 से बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाले वाहन ही बिकेंगे। इतना ही नहीं अब सभी वाहनों में इस मानक का फ्यूल भी डाला जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के पालना को लेकर जिले में अब नए मानक वाला फ्यूल बिकना शुरू हो गया है। यह भी जानकारी मिली है कि यह फ्यूल एनसीआर के सभी शहरों में भी बिक रहा है।

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ट्रायल शुरू

फिलहाल, ऑयल कंपनियां ट्रायल पर ऐसा कर रही हैं ताकि एक अप्रैल 2020 से फ्यूल की किल्लत न हो। पिछले दिनों केंद्रीय नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनसीआर के संबंधित विभागों के अधिकारियों संग बैठक की थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए थे।

अभी जो बिक रहा वह बीएस-4 उत्‍सर्जन मानक वाला पेट्रोल

बता दें अभी बीएस-4 उत्सर्जन मानक वाला पेट्रोल व डीजल बिक रहा था। इससे प्रदूषण अधिक होता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक अप्रैल 2020 से देशभर में बीएस-4 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की न तो बिक्री होगी और न ही पंजीकरण। हालांकि पहले से दौड़ रहे बीएस-4 वाहनों को सड़कों से नहीं हटाया जाएगा। जिले में इस समय 80 पंप चल रहे हैं।

यह है बीएस-6 का मतलब

बीएस का मतलब है भारत स्टेज। बीएस के आगे-2, 3, 4, 5, 6 संख्या के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर मानक, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। भारत में गाड़ियों के प्रदूषण को मापने के लिए बीएस का इस्तेमाल किया जाता है।

जितना बड़ा नंबर उतना कम प्रदूषण

बीएस के आगे जितना बड़ा नंबर लिखा होता है, उस गाड़ी से उतना ही कम प्रदूषण होने की संभावना होती है। ये बीएस मानक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है। बीएस-6 लागू करने की अधिसूचना 2017 में लागू कर दी गई थी। बीएस-6 वाहनों में खास फिल्टर लगेंगे, जिससे 80-90 फीसद पीएम 2.5 जैसे कण रोके जा सकेंगे। नाइट्रोजन ऑक्साइड पर नियंत्रण लगेगा। परिवहन विशेषज्ञों का कहना है कि बीएस-6 वाहन में हवा में प्रदूषण के कण 0.05 से घटकर 0.01 रह जाएंगे। 

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