Move to Jagran APP

खतरे की घंटी दिल्ली की हवा: रोजाना 25 सिगरेट का धुआं भर रहा आपके फेफड़े में

दिल्ली के नामी अस्पताल सर गंगाराम के थोरेसिक सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यहां बच्चा जन्म के साथ ही सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषित हवा सांस ले रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 11:14 AM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 01:09 PM (IST)
खतरे की घंटी दिल्ली की हवा:  रोजाना 25 सिगरेट का धुआं भर रहा आपके फेफड़े में
खतरे की घंटी दिल्ली की हवा: रोजाना 25 सिगरेट का धुआं भर रहा आपके फेफड़े में

नई दिल्ली, जेएनएन। 20-25 सिगरेट पीने के बराबर ले रहे सांस फेफड़े के मरीजों की जिंदगी खतरे में इन दिनों फेफड़े के कैंसर व किसी अन्य बीमारी के कारण सर्जरी कराने वाले मरीजों की जिंदगी प्रदूषण बढ़ने के कारण खतरे में है। डॉक्टर कहते हैं कि सर्जरी के बाद ऐसे मरीजों को संक्रमण होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे मरीजों को सांस फूलने व निमोनिया की परेशानी हो रही है।

loksabha election banner

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहे व्यक्ति व धूमपान करने वालों में अब खास फर्क नहीं रहा। सिगरेट नहीं पीने वाले लोग भी नहीं चाहते हुए 20-25 सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषित हवा सांस के रूप में ले रहे हैं। गंगाराम अस्पताल के थोरेसिक सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यहां बच्चा जन्म के साथ ही सिगरेट पीने के बराबर प्रदूषित हवा सांस ले रहा है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा है कि यहां लोग 20-25 सिगरेट पीने के बराबर हवा प्रदूषित है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधीन सफर इंडिया ने अलर्ट जारी किया है कि अगर इस बार दिवाली पर पटाखे जले तो अगले दो दिन दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहेगा। पटाखों का धुआं प्रदूषक तत्वों के छंटने की प्रक्रिया को काफी धीमा कर देगा। इसकी वजह से पीएम 2.5 ही नहीं, पीएम 1 का स्तर भी काफी अधिक बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह भी है कि इस बार लोगों में पटाखों का क्रेज अभी से काफी दिख रहा है। अभी से आतिशबाजी होने लगी है। इसका जबर्दस्त दुष्प्रभाव अगले दिन के एयर इंडेक्स पर देखने को मिला। हालांकि, सफर के अनुसार मंगलवार को प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार हो सकता है और यह खतरनाक से नीचे आकर बेहद खराब की श्रेणी में पहुंच सकता है। लेकिन दिल्ली एनसीआर इस बार पटाखा मुक्त दिवाली मनाता है तो 7 और 8 नवंबर को भी स्थिति में सुधार आएगा। हवा बेहद खराब स्तर पर ही बनी रहेगी। यदि दिवाली पर आतिशबाजी हुई तो दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाएगा।

दिल्ली के मंत्री उतरे सड़कों पर
लगातार प्रदूषित होती हवा को रोकने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने सभी एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने हवा के खराब होने का कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और मौसम को बताया। उन्होंने अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी संभव प्रयास करने के निर्देश भी जारी किए हैं। सोमवार को सचिवालय में पर्यावरण मंत्री ने तीनों नगर निगमों, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी, फायर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारियों के प्रदूषण रोकने के प्रयासों की मंत्री ने समीक्षा की। मंत्री ने 10 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित करने और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा। साथ ही एजेंसियों को सड़कों की मैकेनिकल सफाई, पानी का छिड़काव सुनिश्चित करने, खुली निर्माण सामग्री को ढक कर रखने और कूड़ा जलाने पर पूर्णतया रोक लगाना सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही सड़क किनारे रखी सामग्री को तुरंत हटाने और संबंधितों पर कार्रवाई करने को कहा। इसके अलावा जनता को भी प्रदूषण से निपटने सहयोग करने की अपील की। मंत्री ने प्रदूषित धूल कणों को सुलझाने के लिए दीवाली के बाद ऊंची बिल्डिंग से पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए। इसके लिए एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली फायर को इंतजाम करने को कहा गया। मंत्री ने कहा, दिल्ली में प्रदूषण बाहर से बहने वाली हवाओं के कारण है। जिसे पानी के छिड़काव से रोका जा सकता है।

नासा की तस्वीरें भी चिंता जताने वाली
पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर की दिवाली को और काला कर सकता है। नासा की रिपोर्ट तो कुछ ऐसी ही स्थिति बयां कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 28 अक्टूबर से तीन नवंबर तक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की 17,789 घटनाएं हुई हैं। हालांकि वर्ष 2017 में इसी अवधि के दौरान पराली जलाने की 18,495 घटनाएं सामने आई थीं। हवा की दिशा उत्तर- पश्चिमी हो जाने से पराली का यह धुआं दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है। नासा की इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सप्ताह की तुलना में इन घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। मसलन, 14 से 20 अक्टूबर के बीच पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की 2,984 घटनाएं सामने आई। इसके बाद 21 से 27 अक्टूबर के बीच यह घटनाएं बढ़कर 8,171 हो गईं जबकि गत सप्ताह यह दोगुनी होकर 17,789 पहुंच गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.