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कोरोना की कैद में अवसाद से जीतने का हथियार बनी किताबें, लोग नए विचारों से महसूस कर रहे अच्छा

कविता कहानी उपन्यास के अलावा प्रेरक व जीवनोपयोगी यह किताबें घर से दूर क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए मानसिक खुराक का काम कर रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 04:53 PM (IST)
कोरोना की कैद में अवसाद से जीतने का हथियार बनी किताबें, लोग नए विचारों से महसूस कर रहे अच्छा
कोरोना की कैद में अवसाद से जीतने का हथियार बनी किताबें, लोग नए विचारों से महसूस कर रहे अच्छा

नई दिल्ली [रितु राणा]। लॉकडाउन में किताबों ने सबसे अहम भूमिका अदा की है। जहां पाठकों, लेखकों और साहित्य प्रेमियों को अपने इस सदाबहार दोस्त के पास लौटने का समय मिला, तो वहीं इस दौर में किताबें फैलते अंधेरे और टूटती हिम्मत को थामे रखने का जरिया भी बन रही हैं। इस समय लोग मानसिक अवसाद का शिकार हो रहे हैं, ऐसे में सिर्फ किताबें ही हैं जो एक दोस्त की तरह उनका साथ दे रही हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए राजकमल प्रकाशन द्वारा दिल्ली के कई कोविड केयर सेंटरों में सुप्रसिद्ध और पाठकप्रिय लेखकों की किताबें निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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मानसिक खुराक का काम कर रही किताबें

कविता, कहानी, उपन्यास के अलावा प्रेरक व जीवनोपयोगी यह किताबें घर से दूर क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए मानसिक खुराक का काम कर रही हैं। वाइएमसीए, जिंजर होटल पूर्वी दिल्ली, पुलिस क्वाटर मंडोली, सुल्तानपुरी डीयूएसआइबी फ्लैट्स में किताबें पहुंचाई जा चुकी हैं। वहीं, नरेला एनएफसी समेत अन्य सेंटरों में भी किताबें पहुँचाई जाएंगी। इस संबंध में प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोविड सेंटर में रह रहे लोग शरीर के साथ-साथ मन से भी स्वस्थ रहें। उन्हें अकेलापन महसूस न हो। नए विचारों के साथ वह अच्छा महसूस करें, इसी उद्देश्य से उन्हें निशुल्क किताबें भेजी जा रही हैं।

नियमों के तहत हो रहा काम

अशोक महेश्वरी ने बताया कि पाठकों तक किताबें पहुंचाने के लिए कोरोना वायरस से बचाव के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। इसके लिए प्रकाशन के दफ्तर में हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर ‘निलजर्म’ लगाया है। यह डिस्पेंसर राजस्थान सरकार द्वारा प्रमाणित ओटेमेटिक सेंसरयुक्त है। इससे बिना छुए हाथों को सैनिटाइज किया जा सकता है। यह पाठकों व दफ्तर के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक है।

निशुल्‍क मास्‍क हर पाठक को दिया जा रहा

इसके साथ ही राजकमल प्रकाशन द्वारा पाठकों को घर पर तैयार मास्क निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिसे किताब लेने आने वाले प्रत्येक पाठक को दिया जा रहा है। यह मास्क बार-बार धोकर उपयोग में लाया जा सकता है। यह सुविधा दिल्ली के साथ-साथ समूह के अन्य शाखा कार्यालयों में भी उपलब्ध है। ऑनलाइन किताबें मंगवाने वाले पाठकों को भी यह मास्क प्रत्येक पार्सल के साथ भेजा जाना शुरू कर दिया गया है।

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