भाजपा का हर बूथ पर दिखेगा '25 का दम', 50 फीसद मत हासिल करने का है लक्ष्य
भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए आम जनता से जुड़ना होगा। इसमें बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की विशेष भूमिका होगी।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। लोकसभा चुनाव में जीत दोहराने के लिए भाजपा ने प्रत्येक बूथ पर 25 समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम को आगे करने की रणनीति बनाई है। इन पर केंद्र सरकार की उपलब्धियां और भाजपा की नीतियों को प्रचारित करने की जिम्मेदारी होगी। इन कार्यकर्ताओं में सभी वर्ग व उम्र का प्रतिनिधित्व होगा जिससे कि सभी की बात पार्टी तक पहुंच सके।
'बूथ जीतो चुनाव जीतो'
कार्यकर्ताओं को 'बूथ जीतो चुनाव जीतो' के नारे पर अमल करने को कहा गया है। इसके तहत प्रत्येक बूथ पर भाजपा समर्थित मतदाताओं को एकजुट करने के साथ नए लोगों को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से पार्टी हाई कमान का सीधा संवाद हो सके इसके लिए प्रत्येक बूथ से वाट्सएप का प्रयोग करने वाले 25-25 कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की गई है। इनके वाट्सएप नंबर पर जरूरी संदेश भेजे जाएंगे। इसी तरह से प्रत्येक बूथ पर 25 कार्यकर्ताओं की टीम काम करेगी। इसमें पांच महिलाएं व पांच युवा कार्यकर्ता भी होंगे। इसके साथ ही अनुसूचित जाति व अल्पसंख्यक वर्ग के भी पांच-पांच कार्यकर्ता रहेंगे। इन सभी के नाम व संपर्क नंबर सूचीबद्ध किए जा रहे हैं जिससे कि जरूरत के अनुसार इनसे संपर्क किया जा सके।
जनाधार बढ़ाने की रणनीति
भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए आम जनता से जुड़ना होगा। इसमें बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की विशेष भूमिका होगी। इसलिए पार्टी की नजर ऐसे कार्यकर्ताओं पर है। पिछले चुनावों में पड़े मतों के लिहाज से पार्टी के लिए मजबूत व कमजोर माने जाने वाले मतदान केंद्रों की पहचान की जा रही है। इन्हें ए, बी और सी श्रेणियों में विभाजित करके जनाधार बढ़ाने की रणनीति बनाई जा रही है। ए श्रेणी में सबसे मजबूत, बी श्रेणी में औसत और सी श्रेणी में कमजोर बूथ रखे गए हैं। वरिष्ठ नेताओं को भी कम से कम दो बूथ गोद लेकर उनपर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
50 फीसद मत हासिल करने का लक्ष्य
दरअसल भाजपा के सामने दिल्ली की सभी सातों संसदीय सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है। पार्टी के रणनीतिकार इसके लिए आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच मतों के विभाजन के बजाय अपना मत फीसद बढ़ाकर जीत सुनिश्चित करना चाहते हैैं। इसलिए केंद्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने दिल्ली के नेताओं के सामने 50 फीसद मत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसे ध्यान में रखकर रणनीति तैयार की जा रही है।