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सीलिंग के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी भाजपा, जेल भरो आंदोलन की तैयारी

मनोज तिवारी ने कहा कि ओखला सहित दिल्ली में कई स्थानों पर सरकारी जमीन ही नहीं यमुना खादर क्षेत्र में अवैध निर्माण किए गए हैं पर निगरानी समिति कोई कार्रवाई नहीं कर रही।

By Edited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 08:49 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 09:20 PM (IST)
सीलिंग के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी भाजपा, जेल भरो आंदोलन की तैयारी
सीलिंग के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगी भाजपा, जेल भरो आंदोलन की तैयारी

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। भाजपा ने दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है। पार्टी अब सीलिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। इसके खिलाफ जन आंदोलन चलाने के साथ ही अदालती लड़ाई भी लड़ेगी। जरूरी होने पर जेल भरो आंदोलन भी चलेगा। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीलिंग का मुद्दा सबसे अहम रहा।

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समिति के सदस्य मनमानी कर रहे हैं
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल सहित सभी नेताओं ने सीलिंग पर चिंता जताई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोगों के साथ खड़े होने का आह्वान किया। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यों ने एक मत से सीलिंग को लेकर निगरानी समिति की मनमानी का विरोध किया है। अदालत के निर्देशों को आड़ बनाकर समिति के सदस्य मनमानी कर रहे हैं, जिसका भाजपा विरोध करेगी।

निगरानी समिति कोई कार्रवाई नहीं कर रही
मनोज तिवारी ने कहा कि ओखला सहित दिल्ली में कई स्थानों पर सरकारी जमीन ही नहीं यमुना खादर क्षेत्र में अवैध निर्माण किए गए हैं पर निगरानी समिति कोई कार्रवाई नहीं कर रही। वह सिर्फ आम नागरिकों के छोटे-छोटे प्रतिष्ठानों को सील करने में लगी है। उन्होंने कहा कि ओखला के मामले में कई बार दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना खादर में किए गये अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली में सीलिंग रैकेट चल रहा है
तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने भी आदेश दिए हैं, लेकिन समिति के सदस्य कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इसलिए भाजपा अदालत जाकर बताएगी की किस तरह उसके आदेशों को आड़ बनाकर दिल्ली में सीलिंग रैकेट चल रहा है। इस रैकेट में वर्तमान एवं सेवानिवृत्त नौकरशाह भी शामिल हैं।

एक लाख रुपये जमा कराने की अनिवार्यता का विरोध
दिल्ली में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के लिए एक माफिया भी काम करता है, लेकिन निगरानी समिति की सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने में दिलचस्पी नहीं है। बैठक में डी-सीलिंग याचिका के साथ एक लाख रुपये जमा कराने की अनिवार्यता का भी विरोध किया गया।

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भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा
भाजपा का कहना है कि एक लोकतांत्रिक देश में सुनवाई से पूर्व इतनी बड़ी राशि जमा कराने को अनिवार्य करना न्याय प्रक्रिया से गरीबों से दूर करना है। इसका विरोध जरूरी है। 2004 से 2007 के बीच भी दिल्ली में चले सीलिंग विरोधी आदोलन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी थीं, अब फिर से वे इसके लिए तैयार हैं। भ्रष्ट अधिकारियों चाहे वह निगम के हीं क्यों न हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।


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