गाजीपुर हादसे के बाद लैंडफिल साइट ने बढ़ाई भाजपा की परेशानी
मनोज तिवारी का कहना है कि लैंडफिल साइट की समस्या को दूर करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली को कूड़ा मुक्त करने का वादा कर नगर निगम चुनाव जीतने वाली भाजपा के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती नई लैंडफिल साइट को लेकर है। जब तक नई जमीन नहीं मिल जाती है, तब तक यमुनापार से निकलने वाला कूड़ा कहां डाला जाए, यह भी एक समस्या है। लैंडफिल साइट को लेकर जहां विरोधी पार्टियां भाजपा पर निशाना साध रही हैं, वहीं अपने नेता भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए मंगलवार को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी संबंधित सांसदों और नगर निगमों के मेयर व आयुक्तों के साथ बैठक करेंगे।
गाजीपुर में कूड़े का पहाड़ गिरने के बाद उपराज्यपाल के निर्देश पर अब वहां कूड़ा नहीं फेंका जा रहा है। पहले यह तय हुआ था कि जब तक नई जमीन नहीं मिल जाती है, तब तक पूर्वी दिल्ली का कूड़ा भलस्वा लैंडफिल साइट पर गिराया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया। इसके बाद मुंडका इलाके के रानी खेड़ा में कूड़ा डालने का फैसला किया गया, लेकिन यहां भी गांव के लोगों ने विरोध किया। उनके साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन जयेंद्र डबास सहित अन्य भाजपा नेता भी खड़े हैं। उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद डॉ. उदित राज भी सोमवार को ग्रामीणों से मुलाकात कर और उनके आंदोलन को सही ठहराया। इस मुद्दे को लेकर वह उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के घोंडा गुजरान में डीडीए की जमीन पर नई लैंडफिल साइट बनाने के प्रस्ताव का भी विरोध हो रहा है। स्थानीय लोगों के साथ ही यहां के सांसद और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा यमुना किनारे कूड़ा गिराने से नदी में प्रदूषण बढ़ेगा। तिवारी का कहना है कि लैंडफिल साइट की समस्या को दूर करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। इस संबंध में वह मंगलवार को बैठक करेंगे। वह जल्द ही डीडीए अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।
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