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दिल्ली विस का सत्र शुरू होते ही हंगामा, विजेंद्र गुप्ता दिनभर के लिए सदन से निकाले गए

दिल्ली विधानसभा के सत्र के दौरान विपक्ष पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को तुरंत सदन की पटल पर रखने की मांग करेगा, ताकि तीनों नगर निगमों को वित्तीय संसाधन मिल सके।

By Edited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 03:27 PM (IST)
दिल्ली विस का सत्र शुरू होते ही हंगामा, विजेंद्र गुप्ता दिनभर के लिए सदन से निकाले गए
दिल्ली विस का सत्र शुरू होते ही हंगामा, विजेंद्र गुप्ता दिनभर के लिए सदन से निकाले गए

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू होते ही सिख दंगों पर चर्चा की मांग करते हुए मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और जगदीश प्रधान को दिन भर के लिए सदन से बाहर कर दिया गया। इसके 15 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस तरह विधानसभा में राजीव गांधी मामले में प्रस्ताव बदला गया, वह सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) कांग्रेस के साथ चुनावी गठजोड़ करना चाहती है, इसीलिए ऐसा किया गया।

बता दें कि विधानसभा में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर भाजपा विधायकों की बुधवार को बैठक हुई थी। उसके बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा था कि सदन की गरिमा, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का मामला और जनहित से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा था राजीव गाधी से भारत रत्न वापस लिए जाने की मांग को सदन में पारित प्रस्ताव को बाद में हटा लिया गया था। भाजपा विधायक दल ने इस मामले को सदन में उठाने का फैसला किया है। विपक्ष पांचवें दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट को तुरंत सदन की पटल पर रखने की मांग भी करेगा, ताकि तीनों नगर निगमों को वित्तीय संसाधन मिल सके।

उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार भाजपा शासित नगर निगमों को लेकर बदले की भावना से काम कर रही है। अबतक चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट भी लागू नहीं की गई है। इस वजह से नगर निगमों विशेषकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। विपक्ष सरकार से नगर निगमों को फंड जारी करने की मांग करेगा।

भाजपा विधायक सदन से सीलिंग को लेकर मॉनिटरिंग कमेटी के रवैये का विरोध करने की भी मांग करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली मास्टर प्लान-2021 में किए गए संशोधनों का लाभ दिल्ली के निवासियों, दुकानदारों व औद्योगिक इकाइयों को नहीं मिल रहा। दिल्ली सरकार ने भी अभी तक 721 सड़कों को अधिसूचित नहीं किया है।

उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार ने दिव्यागजनों के अधिकार अधिनियम-2016 को दो वर्षो के विलंब के बाद मंगलवार को अधिसूचित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2017 में यह स्पष्ट किया था कि यह कानून सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने इसे लागू करने में देर कर दी। भाजपा सदन में इसका विरोध करेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक प्रदूषण नियंत्रण पर दिल्ली सरकार की असफलता, बाल गृहों में बच्चियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार तथा क्लीनिकल एस्टैब्लिेशमेंट एक्ट-2016 को लागू करने में सरकार के ढुलमुल रवैये का भी पर्दाफाश करेंगे।

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