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एक दिन का विधानसभा सत्र बुलाने का भाजपा ने किया विरोध

भाजपा विधायक दल की बैठक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की अध्यक्षता में हुई। विधायकों ने कहा कि शीतकालीन सत्र के नाम पर 26 नवंबर को सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया जा रहा है और उसमें कोई प्रश्नकाल नहीं होगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 05:48 PM (IST)
एक दिन का विधानसभा सत्र बुलाने का भाजपा ने किया विरोध
भाजपा विधायकों ने की बैठक, कम से दस दिनों का सत्र बुलाने की मांग।

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। भाजपा ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। भाजपा विधायकों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण, यमुना की सफाई, शुद्ध पेयजल की किल्लत, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की बदहाली, पेट्रोल-डीजल पर वैट की कमी सहित कई मामले हैं। विधानसभा में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा जरूरी है। सिर्फ एक दिन के सत्र में यह संभव नहीं है।

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एक दिन का सत्र बुलाया गया जिसमें नहीं होगा प्रश्नकाल

भाजपा विधायक दल की बैठक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की अध्यक्षता में हुई। विधायकों ने कहा कि शीतकालीन सत्र के नाम पर 26 नवंबर को सिर्फ एक दिन का सत्र बुलाया जा रहा है और उसमें कोई प्रश्नकाल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र की सूचना नियमानुसार 15 दिन पहले दी जानी चाहिए। विधायकों से उठाए जाने वाले विषयों को आमंत्रित किया जाता है। इस परंपरा का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से शीतकालीन अधिवेशन को कम-से-कम दस दिन करने और प्रश्नकाल की व्यवस्था करने की मांग की।

दिल्लीवासी कई समस्याओं से जूझ रहे

बिधूड़ी ने कहा कि दिल्लीवासी इस समय कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है। दिल्ली की जनता जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है। पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए सरकार वैट में कमी करने को तैयार नहीं है। नई आबकारी नीति के तहत गली-गली में शराब की दुकानें खुल रही हैं।

परिवहन प्रणाली को ठीक करने की मांग

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की सभी बसों की आयु समाप्त हो गई है। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बदहाल हो गई है। एक सौ गांवों में किसानों की जमीन बारिश के पानी में अब तक डूबी हुई है और उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिल रहा। सड़कों की हालत जर्जर हैं। इन समस्याओं पर विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए लेकिन सत्ता पक्ष इसके लिए तैयार नहीं है। बैठक में विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और अभय वर्मा शामिल थे।


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