ट्रैफिक जाम में फंस गए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, अफसरों के छूटे पसीने
अमित शाह काफिले के साथ मेरठ की ओर रवाना हुए। इसी दौरान राज चौपले के पास उनका काफिला करीब 10 मिनट के लिए जाम में फंस गया।
गाजियाबाद [जेएनएन]। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को रविवार को मोदीनगर-मुरादनगर में जाम झेलना पड़ा। मेरठ जाते समय उनका काफिला करीब दस मिनट, जबकि दिल्ली लौटते वक्त करीब 15 मिनट जाम में फंसा रहा। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के अफसरों के पसीने छूट गए। पुलिसकर्मी यातायात सुचारू कराने में जुटे थे, लेकिन उनके प्रयास का भी ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया।
जाम की स्थिति भयावह हो चुकी थी
मेरठ में आयोजित हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को शिरकत करने जाना था। इसकी पूर्व सूचना होने के बावजूद पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने पहले कोई योजना तैयार नहीं की। पुलिसकर्मी 9 बजे के बाद हाईवे पर दिखाई दिए, लेकिन तब तक जाम की स्थिति भयावह हो चुकी थी।
जाम में फंस गया अमित शाह का काफिला
साढ़े 12 बजे के आसपास अमित शाह काफिले के साथ मेरठ की ओर रवाना हुए। इसी दौरान राज चौपले के पास उनका काफिला करीब 10 मिनट के लिए जाम में फंस गया। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उन्हें मोदीनगर से पास कराया। वहीं, शाम को कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब वे दिल्ली लौट रहे थे तो बस अड्डे के निकट उनका काफिला दोबारा जाम में फंस गया। करीब 15 मिनट बाद काफिला रवाना हो सका। यहां तक कि उन्हें प्रोटोकॉल कर रही कार में सवार सुरक्षाकर्मियों को भी उतरकर आगे चल रहे वाहनों को हटाना पड़ा। इसके अलावा दूसरी कारों में सवार सुरक्षाकर्मी भी हाथ का इशारा करके आगे व साइड में चल रहे वाहनों को रास्ता छोड़ने का इशारा करते दिखे।
प्रशासनिक अफसरों ने किया इन्कार
अमित शाह के काफिले को मुरादनगर में गंगनहर व बस अड्डे के आसपास भी जाम से दो-चार होना पड़ा। अमित शाह के साथ प्रदेश व केंद्र में कई बड़े मंत्रियों, सांसदों, विधायकों को भी जाम झेलना पड़ा। हालांकि, पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने अमित शाह के जाम में फंसने से साफ इन्कार किया।
काफिला कुछ दूरी तक धीरे-धीरे चला
कार्यवाहक थाना प्रभारी, मोदीनगर धर्मबीर सिंह का कहना है कि मोदीनगर-मुरादनगर में रविवार को सुबह से देर रात तक भयंकर जाम लगा था। लोगों को मोदीनगर से मुरादनगर के बीच की दूरी तय करने में 2 घंटे का समय लगा। हाईवे पर वाहनों की संख्या थोड़ी ज्यादा थी। इसके चलते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का काफिला कुछ दूरी तक धीरे-धीरे चल रहा था। इसे जाम में फंसे कहना गलत है।