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सवर्ण आरक्षण : मोदी के मास्टर स्ट्रोक को अब वोटों में बदलने की तैयारी में भाजपा

राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से जुटे पार्टी पदाधिकारी उत्साह से लबरेज दिखे। यह चर्चा थी कि कैसे इस फैसले ने सरकार के प्रति मतदाताओं की सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।

By Edited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 07:57 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 09:49 AM (IST)
सवर्ण आरक्षण : मोदी के मास्टर स्ट्रोक को अब वोटों में बदलने की तैयारी में भाजपा
सवर्ण आरक्षण : मोदी के मास्टर स्ट्रोक को अब वोटों में बदलने की तैयारी में भाजपा

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार द्वारा गरीबों को 10 फीसद के आरक्षण देने के फैसले के मास्टर स्ट्रोक ने भाजपा में नई जान फूंक दी है। रामलीला मैदान में लोकसभा चुनाव से पहले दो दिनों तक चले पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से जुटे पार्टी पदाधिकारी उत्साह से लबरेज दिखे। उनके बीच यह चर्चा थी कि कैसे इस फैसले ने सरकार के प्रति मतदाताओं की सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।

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दूर होगी नाराजगी
अगड़ी जाति के मतदाताओं की नाराजगी भी दूर हुई है। पार्टी के आला नेताओं ने भी पदाधिकारियों से आरक्षण के फैसले को युवाओं के बीच ले जाने को कहा है। देशभर में आयोजित होने वाले युवा संसद का यह प्रमुख मुद्दा भी होगा। पठानकोट के जिलाध्यक्ष विपिन महाजन कहते हैं कि इस फैसले से कार्यकर्ताओं के साथ ही मतदाताओं में भी उत्साह है।

सभी पक्ष संतुष्‍ट
सबसे अच्छी बात है कि इससे वह पक्ष भी संतुष्ट है जिसे आरक्षण पहले से मिला हुआ है। वे इसे समाज में समानता का कदम मान रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी कहते हैं कि एससी/ एसटी एक्ट में संशोधन से समाज के एक वर्ग में नाराजगी थी। कुछ अपने भी नाखुश थे, लेकिन अब वही लोग यह कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने पहली बार सवर्णो के लिए कुछ किया है।

दिखती थी नारजगी
बिहार में भी जाति की सियासत काफी हद तक चुनावों को प्रभावित करती है। बक्सर के नेता व बिहार भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य परशुराम चतुर्वेदी बेबाकी से कहते हैं कि एक समय ऐसा था जब उच्च जाति के लोगों में नाराजगी थी। यह नाराजगी मेल-मुलाकातों में दिख जाती थी, लेकिन अब इस फैसले से उनके विचार में जबरदस्त बदलाव आया है। मेरठ महानगर के पूर्व अध्यक्ष करुणेश नंदन व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष विजेंद्र अग्रवाल विजयी चिह्न दिखाते हुए कहते हैं कि जो गरीब हैं और आरक्षण के कारण पिछड़ रहे थे। वे भी खुश हैं।


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