केजरीवाल केंद्र पर काम नहीं करने देने का बेबुनियाद आरोप लगाते हैं : मनोज तिवारी
आप सरकार पर केंद्र की योजनाओं का लाभ दिल्लीवासियों तक पहुंचाने में बाधा डालने का आरोप मनोज तिवारी ने लगाया है। उसका कहना है कि आयुष्मान भारत योजना लाभ नहीं दिया जा रहा।
नई दिल्ली, जेएनएन। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ दिल्लीवासियों तक पहुंचाने में बाधा डालने का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि आयुष्मान भारत योजना और सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिल्लीवासियों को नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह से प्रधानमंत्री कौशल योजना केंद्रों की भी अनदेखी की जा रही है।
दिल्ली सरकार का यह रवैया बेरोजगार युवकों को रोजगार देने में बाधा उत्पन्न करने वाला है। बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री को दिल्ली के उपराज्यपाल से इस मामले की रिपोर्ट मांगनी चाहिए।
भाजपा का कहना है कि युवकों को उद्योगों से संबंधित प्रशिक्षण देने के लिए जुलाई, 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू हुई थी। इस तरह के प्रशिक्षण हासिल करने वाले युवकों को रोजागार हासिल करने में मदद मिलती है, लेकिन केजरीवाल सरकार की वजह से दिल्ली में प्रशिक्षण केंद्र बंद हो रहे है।
प्रशिक्षण का खर्च सरकार वहन करती है। केंद्र सरकार कौशल विकास योजना के लिए दिल्ली सरकार को 15 करोड़ रुपये दे चुकी है और अब 54 करोड़ की दो किस्तें भी देने वाली है, इसके बावजूद युवाओं को रोजगार देने वाली इस योजना को केजरीवाल सफल नहीं होने दे रहे हैं।
दिल्ली में 298 प्रशिक्षण केंद्रों में से अब मात्र 15 चल रहे हैं। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ दिल्ली के गरीबों और युवाओं को मिले। यदि सरकार कौशल विकास योजना में अड़ंगा नहीं डालती तो आज दिल्ली के हजारों युवाओं को रोजगार मिल चुका होता। जल्द ही वह इस मामले को केंद्रीय कौशल विकास मंत्री के सामने उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल केंद्र पर काम नहीं करने देने का बेबुनियाद आरोप लगाकर अपनी नाकामी छिपाना चाहते हैं, लेकिन जनता इनकी हकीकत जान गई है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह उपराज्यपाल से कौशल विकास केंद्रों की स्थिति पर रिपोर्ट मांगें और उन्हें इन केंद्रों को आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने का निर्देश दें।