भाजपा का दावा, दिल्ली नगर निगम को नहीं मिले हैं दिल्ली सरकार के 938 करोड़ रुपये
जय प्रकाश ने कहा कि तीसरी तिमाही का पैसा आम तौर पर जनवरी महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली सरकार द्वारा जारी कर दिया जाता था। अब जबकि जनवरी का दूसरा सप्ताह भी खत्म हो गया है। उस पैसे का कोई अता-पता नहीं है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के जारी हड़ताल के बीच उत्तरी व पूर्वी दिल्ली के महापौरों ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन मद में जारी 938 करोड़ रुपये अब तक निगम को नहीं मिले हैं। प्रेस वार्ता में यह दावा करते हुए उत्तरी के महापौर जय प्रकाश व पूर्वी दिल्ली के निर्मल जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से जब भी कोई राशि जारी होती है तो उसके लिए पहले स्वीकृति नोट बनाया जाता है। उसके जरिए फाइल को मंजूरी मिलती है। पर हमें पता चला है कि अभी तक इस तरह की कोई प्रक्रिया पूरी ही नहीं की गई है। सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस निगम को कितना हिस्सा मिलेगा? अगर यह राशि वेतन अदायगी के लिए है तो अनुदान (ग्रांट इन एड) की तीसरी किश्त कब दी जाएगी? जिससे कर्मचारियों का और वेतन देने में सहायता मिलेगी।
इस मौके पर उत्तरी के स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी और सदन के नेता योगेश वर्मा मौजूद रहे।जय प्रकाश ने कहा कि साल की चौथी तिमाही शुरू हो गई है। तीसरी तिमाही का पैसा आम तौर पर जनवरी महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली सरकार द्वारा जारी कर दिया जाता था। अब जबकि जनवरी का दूसरा सप्ताह भी खत्म हो गया है। उस पैसे का कोई अता-पता नहीं है। कोरोना महामारी के चलते मोदी सरकार ने ऋण के लिए ईएमआई में छूट दी है, लेकिन दिल्ली सरकार ने कोरोना का बहाना बनाकर नगर निगम के बीटीए के रूप में निर्धारित 850 करोड़ रुपये में भी भारी कटौती की है। इस मद में अकेले उत्तरी का 500 करोड़ रुपये बकाया है। महापौर ने आरोप लगाया कि मई 2020 से उत्तरी का दिल्ली सरकार पर 446 करोड़ रुपये बकाया है। उसमें से 336 करोड़ रुपये सरकार ने ऋण में समायोजित कर काट लिया है।
यह स्थिति तब है जबकि केंद्र सरकार ईएमआई में सुविधा दे रही है। पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन कहा कि सरकार द्वारा काटी गई राशि से नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकता था। नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, उनके परिवार परेशान हैं, गंदगी के ढेर लग रहे हैं।
जय प्रकाश ने कहा कि यदि सरकार चाहती है कि दिल्ली वालों को सुविधाएं मिल सकें। सफाई हो सके। निगम के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभा सकें तो दिल्ली सरकार ने जो पैसा काटा है, वह जारी करें। इसके साथ ही तीनों नगर निगमों का बकाया 13 हजार करोड़ रुपये भी जारी करें।
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