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धरना पॉलिटिक्स में माहिर केजरीवाल को उनके ही अंदाज में भाजपा ने दी पटखनी

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नौ दिनों से चल रही धरना नौटंकी का अंत हो गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 08:56 AM (IST)
धरना पॉलिटिक्स में माहिर केजरीवाल को उनके ही अंदाज में भाजपा ने दी पटखनी
धरना पॉलिटिक्स में माहिर केजरीवाल को उनके ही अंदाज में भाजपा ने दी पटखनी

नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। भाजपा ने इस बार धरना पॉलिटिक्स के माहिर खिलाड़ी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के अंदाज में पटखनी दी है। मुख्यमंत्री व उनके सहयोगी भाजपा नेताओं के जवाबी धरने के आगे बेबस नजर आए। वहीं, भाजपाइयों ने उनकी फजीहत करने का कोई अवसर हाथ से जाने नहीं दिया। इससे उनकी सियासी छवि को भी नुकसान पहुंचा है। भाजपा इसे अपनी जीत के तौर पर प्रचारित कर रही है। उसका कहना है कि मुख्यमंत्री के सियासी ड्रामे का पर्दाफाश हो गया है। इसलिए अब वह टकराव की सियासत छोड़कर दिल्ली के हित में काम करें।

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मुख्यमंत्री उपराज्यपाल पर अधिकारियों की हड़ताल खत्म नहीं कराने का आरोप लगाते हुए 11 जून को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन व गोपाल राय के साथ राजनिवास में धरने पर बैठ गए थे।

उनके इस दांव से भाजपा नेता भी सतर्क हो गए। वह किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री को इस धरने से सियासी लाभ नहीं उठाने देना चाहते थे। इसलिए आप के दांव का सियासी असर व जनता की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखकर प्रत्येक कदम फूंक फूंककर रखा गया। दो दिनों तक जब दिल्लीवासियों ने इस धरने की सियासत को लेकर कोई उत्साह नहीं दिखाया तो भाजपा ने आक्रामक रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया।

13 जून को नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा, विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा, जगदीश प्रधान और दिल्ली के पूर्व मंत्री व आप के नाराज विधायक कपिल मिश्र दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। उन्होंने एलान कर दिया कि जबतक केजरीवाल व उनके मंत्री धरना खत्म करके जल संकट और प्रदूषण की समस्या हल करने के लिए काम नहीं करेंगे तब तक उनका धरना भी जारी रहेगा।

वहीं, जब उपमुख्यमंत्री और जैन ने अनशन शुरू की तो भाजपा नेता भी भूख हड़ताल पर बैठ गए। भाजपा नेता अनशन करने के साथ ही नियमित प्रेस वार्ता, सोशल मीडिया और प्रदर्शन करके दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे। जनता को यह बताने की भी उनकी कोशिश जारी रही कि मुख्यमंत्री हड़ताल पर हैं न कि अधिकारी। उनका दबाव आखिर रंग लाया और मंगलवार को पहले सिसोदिया व जैन अपने कार्यालय में पहुंचे। उसके बाद शाम को केजरीवाल व गोपाल राय ने भी धरना समाप्त कर दिया।

दिल्लीवासी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं: मनोज तिवारी

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नौ दिनों से चल रही धरना नौटंकी का अंत हो गया है। मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से दिल्ली की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल लगातार केजरीवाल सरकार को अधिकारियों से स्वस्थ रिश्ते बनाने एवं संवाद स्थापित करने की सलाह देते रहे हैं। मंगलवार को एक बार फिर से उन्होंने पत्र लिखकर यह सलाह दी है।

ऐसे में यह समझ से परे है कि मुख्यमंत्री किस मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे थे और किस आश्वासन के बाद इसे समाप्त किया है। इसलिए दिल्ली की जनता यह मानती है कि केजरीवाल गैर जिम्मेदार मुख्यमंत्री होने के साथ ही गैर जिम्मेदार इंसान भी हैं। उन्होंने प्रशासकीय व्यवस्था का भद्दा मजाक बनाकर दिल्ली के विकास को ही नहीं पानी व बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी ठप कर दिया है। उन्होंने पानी संकट दूर करने के लिए सांसद प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता एवं अन्य विधायकों द्वारा गत एक सप्ताह से किए जा रहे संघर्ष की सराहना की।


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