बिहार के ट्यूटर की करतूत ने किया शर्मसार, कहता था- 'इंजेक्शन लगाने से तेज होता है दिमाग'
पूर्वी दिल्ली में ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि मास्टर बच्चों पर इंजेक्शन के लिए दबाव बनाता था। बच्चों को इतना डरा देता था कि बच्चे इंजेक्शन की बात किसी को बताते नहीं थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्वी दिल्ली स्थित शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित गुप्ता ने बताया कि शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए नॉर्मल सैलाइन (एनएस) दिया जाता है। यह शरीर में नमक और इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को पुन:स्थापन करने में मदद करता है। दिमाग को तेज करने और कद बढ़ाने में एनएस काम नहीं करता है। जिन बच्चों को एनएस का इंजेक्शन दिया गया है, एनएस उनके शरीर में कोई गलत असर नहीं करेगा, लेकिन ट्यूशन टीचर पेशे से डॉक्टर नहीं है, ऐसे में उसे मालूम नहीं होगा कि इंजेक्शन कैसे लगाया जाता है? जिन बच्चों के कूल्हे की मांसपेशियों में यह इंजेक्शन लगाया गया है, उनके स्वास्थ्य की जांच भी होनी चाहिए। ताकि यह पता चल सके, बच्चों को गलत तरीके से तो इंजेक्शन नहीं लगा दिया गया है। एक पेशेवर डॉक्टर को ही पता होता है कि एनएस कितनी मात्रा में मरीज को देना है। एनएस रक्तचाप को नियंत्रित करने और सोडियम की कमी को दूर करने में भी काम आता है।
मास्टर ने बच्चों में फैलाया भ्रम
पूर्वी दिल्ली में ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि मास्टर बच्चों पर इंजेक्शन के लिए दबाव बनाता था। बच्चों को इतना डरा देता था कि बच्चे इंजेक्शन की बात किसी को बताते नहीं थे। उनके दिमाग में यह बात बैठा देता था जो इंजेक्शन लगवाएगा उसका दिमाग पढ़ाई में तेज हो जाएगा। दुनिया की कोई ताकत उन्हें परीक्षा में पास होने से नहीं रोक सकती। मास्टर की करतूत जब सबके सामने आई तो अभिभावकों ने अपने बच्चों से इंजेक्शन के बारे में पूछा तो उनके दिमाग में यह बात घर कर चुकी थी कि अब उन्हें पढ़ाई में कोई फेल नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने दिमाग तेज करने वाला इंजेक्शन लगवा लिया है।