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120 करोड़ की कर चोरी में फंसे केजरीवाल के मंत्री, बचाव में उतरे CM, BJP हमलावर

CM केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की लीगल टीम को इस मुद्दे पर काम करने को कहा है। दावा है कि गहलोत के घर से 35 लाख रुपये मिलने की अफवाह फैलाई जा रही, जबकि 11 लाख रुपये ही मिले हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 11:04 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 11:04 AM (IST)
120 करोड़ की कर चोरी में फंसे केजरीवाल के मंत्री, बचाव में उतरे CM, BJP हमलावर
120 करोड़ की कर चोरी में फंसे केजरीवाल के मंत्री, बचाव में उतरे CM, BJP हमलावर

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी में पाए गए दस्तावेज बड़े स्तर पर कर चोरी का संकेत दे रहे हैं। आयकर अधिकारियों का मानना है कि गहलोत ने जिस स्तर पर लेन-देन किया है, उससे लगभग 120 करोड़ रुपये की कर चोरी का अनुमान है।

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आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि गहलोत और उनके संबंधियों के ठिकानों से बरामद दस्तावेजों की पड़ताल चल रही है। इनसे पता चलता है कि ऑफिस के चपरासी से लेकर कई कर्मचारियों को कर्ज दिया गया और मुखौटा कंपनियों (शेल कंपनियों) में हिस्सेदारी दी गई। कुछ दस्तावेज से पता चलता है कि जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है।

आयकर विभाग ने बुधवार और गुरुवार को राजधानी दिल्ली और गुरुग्राम में गहलोत से संबंधित में 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। गहलोत से संबंधित कंपनियों के दिल्ली स्थित वसंत कुंज, डिफेंस कॉलोनी, पश्चिम विहार, नजफगढ़, लक्ष्मीनगर और गुरुग्राम के पालम विहार इलाके में कार्रवाई की गई थी। सूत्रों के मुताबिक सुबह साढ़े छह बजे से ही 19 टीमों के 100 से ज्यादा कर्मचारियों ने एक साथ छापेमारी की थी।

गहलोत ने छापे को विफल बताया

कैलाश गहलोत ने शनिवार को बयान जारी किया कि आयकर विभाग का छापा पूरी तरह विफल हो गया है। कुछ निहित स्वार्थी तत्व गलत जानकारी फैलाने में लगे हैं। कुछ लोग छापेमारी में ज्ञात स्रोतों से इतर 35 लाख रुपये नकद मिलने की बात कर रहे हैं, जबकि सिर्फ 11 लाख रुपये मिले हैं। उसका भी हमारे पास हिसाब है। शेष 24 लाख रुपये बड़े भाई के परिवार का है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने लगभग 60 घंटों तक छापेमारी की, लेकिन उन्हें सिर्फ 11 लाख रुपये मिले।

गहलोत की कंपनी के अधिकारी को सरकार में तैनात किया: विजेंद्र गुप्ता

भाजपा ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की कंपनी के अधिकारी को दिल्ली सरकार में तैनात करने का आरोप लगाया है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सुदित्या सिन्हा दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के टर्मिनल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट एसोसिएट तथा पार्किंग कमेटी के सदस्य हैं। उनकी नियुक्ति गहलोत द्वारा की गई है। वह नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बस टर्मिनलों का निर्माण समेत अन्य कार्य देख रहे हैं।

सुदित्या सिन्हा, गहलोत की कंपनी में भी वरिष्ठ पद पर तैनात हैं। आयकर विभाग उनकी जांच कर रहा है।

नियमों की अनदेखी कर उनकी नियुक्ति दिल्ली सरकार में की गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को बताना चाहिए कि एक मंत्री की कंपनी में काम करने वाले को सरकार में कैसे तैनात किया गया है? यह अधिकारी दिल्ली सरकार की आधिकारिक बैठकों में भी शामिल होता है। यह गंभीर मामला है। विजेंद्र गुप्ता ने सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भ्रष्टाचार को मिटाने के नाम पर केजरीवाल सत्ता में आए थे। अब उनके मंत्रियों, विधायकों और नेताओं पर एक-एक कर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है।

सर्वे के कारण चीन नहीं जा पाए परिवहन मंत्री

आयकर सर्वे के कारण कैलाश गहलोत चीन के दौरे पर नहीं जा पाए। उन्हें अंतिम समय पर अपना दौरा रद करना पड़ा। राजधानी में इलेक्टिक बसों को लेकर दिल्ली सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को चीन के लिए रवाना होना था, जिसका नेतृत्व मंत्री गहलोत को करना था। मगर तीन दिन से लगातार 60 घंटे तक आयकर विभाग के सर्वे के कारण गहलोत नहीं जा सके। परिवहन सचिव वर्षा जोशी चीन जाने के लिए पहले ही मना कर चुकी थीं।

आप ने सर्वे को बताया राजनीतिक द्वेष

परिवहन व कानून मंत्री कैलाश गहलोत के यहां हुए आयकर विभाग के सर्वे को दिल्ली सरकार ने राजनीतिक द्वेष भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है। सरकार का दावा है कि इस सर्वे में टीम को उनके घर से ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे वह सवालों के घेरे में हों।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के लीगल टीम को इस मुद्दे पर काम करने का निर्देश दिया था। टीम का दावा है कि गहलोत के घर से 35 लाख रुपये की अनधिकृत राशि मिलने की अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि सच्चाई में 11 लाख रुपये ही मिले हैं। दो करोड़ रुपये के आभूषणों की बात की जा रही है, जबकि उनकी पत्नी के आभूषण 28 लाख रुपये के हैं।

भाजपा ने मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की रखी मांग

भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के इतिहास में सबसे भ्रष्ट सरकार है। इसके मंत्री कैलाश गहलोत एवं सत्येंद्र जैन ने भ्रष्टाचार में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार गहलोत पर 120 करोड़ रुपये की कर चोरी और दुबई में अघोषित निवेश का आरोप है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपने भ्रष्ट मंत्रियों को लगातार बचाते रहे हैं।


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