Move to Jagran APP

UP-दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में गुर्जर समाज की पंचायत खोल रही हैं गोत्र के बंधन

समाज में ऐसी पंचायतें हो रही हैं जिसका लाभ दिल्ली के साथ हरियाणा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गुर्जर समाज को हो रहा है। समाज के प्रमुख लोग कह रहे हैं कि नई रोशनी के लिए गुर्जर समाज ये वर्षों पुराने बंद दरवाजे खोल रहा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:41 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:41 AM (IST)
UP-दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में गुर्जर समाज की पंचायत खोल रही हैं गोत्र के बंधन
UP-दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में गुर्जर समाज की पंचायत खोल रही हैं गोत्र के बंधन

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। गुर्जर समाज अब शादी के लिए वर्षों से चले आ रहे भाईचारे के कारण अलग गोत्र में भी विवाह नहीं करने के बंधन से मुक्त हो रहा है। समाज में पीढ़ियों से चल रहे भाईचारे के गोत्र में शादी नहीं की जाती थी। यह भाईचारा बराबर लगते गांव, पाल (कई गांवों की एक सामाजिक पंचायत), कृषि में साझेदारी के कारण वर्षों पहले बन गया था। अब समाज में ऐसी पंचायतें हो रही हैं जो भाईचारे के गाेत्र के प्रतिबंध से मुक्त कर रही हैं। इन पंचायतों का लाभ दिल्ली के साथ हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गुर्जर समाज को हो रहा है। समाज के प्रमुख लोग कह रहे हैं कि नई रोशनी के लिए गुर्जर समाज ये वर्षों पुराने बंद दरवाजे खोल रहा है।

loksabha election banner

बता दें कि भाईचारे के गोत्र में शादी प्रतिबंधित होने समाज के लोगों को दूर-दराज क्षेत्रों में रिश्ते करने पड़ रहे थे। समाज की जरूरत के चलते इसकी पहल वर्ष 2011 में गांव बड़ौली चंदीला की पंचायत में हुई। तब चंदीला गोत्र ने तय किया था कि वह चौरासी पाल के नागर व अधाना गोत्र के साथ रोटी-बेटी का रिश्ता जोड़ने को तैयार है। इसके बाद 2012 में तिगांव चौरासी पाल के नागर व अधाना गोत्र ने पंचायत की। इसमें चंदीला गोत्र की पंचायत के निर्णय पर मुहर लगा दी गई। इस क्रम में अब 18 जुलाई को फरीदाबाद के गांव भांकरी में भी एक पंचायत होने जा रही है। इससे पहले गांव भांकरी (फरीदाबाद) में हुई फागना गोत्र की पंचायत में यह निर्णय हो चुका है कि वे भड़ाना गोत्र के 12 गांव और अपने गांव के नजदीक फतेहपुर चंदीला गांव से रिश्ते जोड़ेंगे। 18 जुलाई की पंचायत में इस पर मुहर लग जाएगी।

नजीर बन रही है 2011 में हुई बड़ौली चंदीला गोत्र की पंचायत

भाईचारे के गोत्रों में शादी-विवाह के बंधन खोलने के लिए पहली पंचायत फरीदाबाद के गांव बड़ौली चंदीला में हुई। तब इसमें चंदीला गोत्र ने चौरासी पाल के नागर और अधाना गोत्र के बीच शादी-विवाह के बंधन खोलने के लिए प्रस्ताव किया गया। इसके बाद बड़े गांव तिगांव में चौरासी पाल की पंचायत हुई। इसकी अध्यक्षता चौधरी रूप सिंह नागर ने की। तब इसमें आम सहमति से निर्णय लिया गया कि नागर आैर अधाना गोत्र के रिश्ते चंदीला गोत्र के बीच हो सकेंगे। पंचायत में बुजुर्गों ने बताया था कि 1100 साल से नागर,अधाना और चंदीला एक दूसरे के गोत्र में आपसी भाईचारे के कारण रिश्तेदारी नहीं करते थे।

पंचायत का यह निर्णय दिसंबर 2012 में ही परवान चढ़ गया जब नवादा तिगांव के लेखराज नागर अपने बेटे जनकराज की बरात लेकर बुढैना निवासी बाबू चंदीला के दरवाजे पहुंचे। बाबू चंदीला ने भी अपनी बेटी ज्योति की शादी नागर गोत्र में कर दी। इस ऐतिहासिक शादी में गुर्जर समाज के प्रमुख पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसके बाद दिसंबर 2016 में पलवल के गांव अमरौली की पंचायत में वर्षों पुराने बैसला और कसाना गोत्र के भाईचारे में भी शादी-विवाह का बंधन खत्म हुआ। इतना ही नहीं लोनी गाजियाबाद में कसाना और बैसला गोत्र के बीच 470 साल पुराना शादी पर बंधन खत्म हुआ।

चौधरी जिले सिंह (पूर्व वरिष्ठ उपमहापौर, फरीदाबाद) का कहना है कि 18 जुलाई को हमारे गांव भांकरी के सरकारी स्कूल में पंचायत होगी। पंचायत में हम यह खुले मन से प्रस्ताव रखेंगे कि भड़ाना,चंदीला आैर फागना गोत्र में भी आपस में रिश्ते-नाते हों।

चौधरी रणबीर सिंह चंदीला (अध्यक्ष, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति, एनसीआर) के मुताबिक, हमारे समाज ने रूढ़िवादी दृष्टिकोण को त्यागकर आधुनिक समाज में कदमताल को अपने जीवन का हिस्सा बनाना शुरू कर दिया है। इससे समाज में रोटी-बेटी के रिश्तों से सामाजिक समरसता और सुदृढ़ होगी।

कहा जा रहा है कि पंचायतों का लाभ दिल्ली के साथ हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गुर्जर समाज को हो रहा है। समाज के प्रमुख लोग कह रहे हैं कि नई रोशनी के लिए गुर्जर समाज ये वर्षों पुराने बंद दरवाजे खोल रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.