दिल्ली में जीएसटी चोरी का बड़ा मामला, लगाया 262 करोड़ रुपये से अधिक का चूना
8758 डीलरों ने 13 बैंक में फर्जी आइडी से और पासवर्ड जनरेट किया। इन खातों में कर जमा करने की बात की गई, लेकिन वास्तव में सरकार को राजस्व नहीं मिला।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के पौने नौ हजार डीलरों ने फर्जी तरीके से 31 हजार से अधिक के लेन-देन में व्यापार एवं कर विभाग को 262 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा दिया है। यह जानकारी प्राथमिक स्तर की है। संभावना है कि यह फर्जीवाड़ा और भी बड़ा हो सकता है।
उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी का पता चला है। उन्होंने कहा कि विभाग को 2013 से चल रहे साइबर टैक्स फ्रॉड का पता चला है। 8758 डीलरों ने 13 बैंक में फर्जी आइडी से और पासवर्ड जनरेट किया। इन खातों में कर जमा करने की बात की गई, लेकिन वास्तव में सरकार के पास राजस्व प्राप्त नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि इसमें विभाग से भी कुछ लोग लिप्त हो सकते हैं। यह जांच का विषय है। वहीं वैट-जीएसटी आयुक्त एच राजेश प्रसाद ने बताया कि विभाग के सिस्टम ब्रांच ने छटनी के दौरान रिकार्ड को खंगाला। इस दौरान बैंकों से रिकार्ड मांगा गया तो पता चला कि सरकारी खजाने में कोई राजस्व नहीं आया है।
विभाग ने फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। वहीं दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शुभाशीष चौधरी का कहना है कि वैट आयुक्त की ओर से 9.97 करोड़ का घपला करने की शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।