Move to Jagran APP

अन्ना आंदोलन में भय्यूजी महाराज ने निभाई थी अहम भूमिका, यूपीए सरकार ने किया था संपर्क

भय्यूजी महाराज ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मानसिक तनाव और अवसाद का जिक्र किया गया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 10:00 PM (IST)
अन्ना आंदोलन में भय्यूजी महाराज ने निभाई थी अहम भूमिका, यूपीए सरकार ने किया था संपर्क
अन्ना आंदोलन में भय्यूजी महाराज ने निभाई थी अहम भूमिका, यूपीए सरकार ने किया था संपर्क

नई दिल्ली [जेएनएन]। भय्यूजी महाराज को सिर्फ एक संत की भूमिका में नहीं देखा जा सकता है। उनका राजनीतिक कद काफी बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे को मनाने के लिए यूपीए सरकार ने उनसे संपर्क किया था। उस आंदोलन के समय शरद यादव ने भय्यू जी महाराज की आलोचना भी की थी।

loksabha election banner

मॉर्डन संत के रूप में थी पहचान 

भय्यूजी महाराज की गिनती राजनीतिक रूप से ताकतवर मॉर्डन संत के रूप में थी। भय्यूजी का असली नाम उदयसिंह देशमुख था। एक समय वो मॉडलिंग से भी जुड़े रहे। 49 साल की उम्र में उन्होंने दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। पिछले कुछ समय से वो अवसाद से जुझ रहे थे। उन्होंने हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने की बात भी कही थी।

गोली मारकर की आत्महत्या

बता दें कि भय्यूजी महाराज ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। भय्यूजी ने मानसिक अवसाद और तनाव के चलते इस तरह का कदम उठाया, इसका खुलासा सुसाइड नोट से हुआ है। परिजन उन्हें लेकर बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचे थे लेकिन बताया जा रहा है कि अस्पताल लाने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया था। भय्यू महाराज ने सिल्वर स्प्रिंग स्थित अपने निवास पर खुद को गोली मारी। 

मौके से एक सुसाइड नोट

पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मानसिक तनाव और अवसाद का जिक्र किया गया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि 'वो काफी समय से घर के तनाव से परेशान चल रहे थे, साथ ही उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।'

तनाव में थे भय्यूजी महाराज

भय्यूजी महाराज को गोली लगने की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हॉस्पिटल पहुंच गए थे। उनकी मौत की सूचना ने सभी को हतप्रभ कर दिया है। भय्यू महाराज के अनुयायियों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से वो तनाव में जरूर थे लेकिन इतना बड़ा कदम उठा लेंगे इसका अंदाजा भी किसी को नहीं था।

कौन हैं भय्यूजी महाराज

- 1968 को जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख है। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते है।

- कभी कपड़ों के एक ब्रांड के लिए ऐड के लिए मॉडलिंग कर चुके भय्यू महाराज अब गृहस्थ संत थे। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनकी ही देखरेख में चलता है।

- उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर है। उनकी पत्नी माधवी का दो साल पहले निधन हो चुका है।

- पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है।

- पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद उन्होने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी शर्मा से दूसरा विवाह किया था। 

यह भी पढ़ें: संत भय्यू महाराज ने खुद को मारी गोली, पढ़ें- मौत से पहले उनके आखिरी शब्द


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.