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Nasal Vaccine: एम्स में जल्द शुरू होगा भारत बायोटेक की नेजल वैक्‍सीन का ट्रायल

Nasal Vaccine बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक का नेजल टीका कोरोना वायरस के खिलाफ बच्चों और बड़ों दोनों में ही कारगर साबित होगा। यह नाक के जरिए दिया जाएगा जिससे बच्चों में टीके का डर भी नहीं रहेगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 11:40 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:40 AM (IST)
Nasal Vaccine:  एम्स में जल्द शुरू होगा भारत बायोटेक की नेजल वैक्‍सीन का ट्रायल
Nasal Vaccine: एम्स में जल्द शुरू होगा भारत बायोटेक की नेजल वैक्‍सीन का ट्रायल

नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Delhi based All India Institute of Medical Sciences) में जल्दी ही भारत बायोटेक के नेजल टीके का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। यहां नेजल टीके के दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल किया जाना है और अगले कुछ दिनों में यह शुरू हो सकता है। उल्लेखनीय है कि अभी एम्स में बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। यह अंतिम चरण में है। इस माह के अंत तक इसके परिणाम आ जाएंगे। इसके कुछ दिनों बाद बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।

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सभी लोगों में कारगर होगा नेजल टीका

बताया जा रहा है कि नेजल टीका बच्चों और बड़ों, दोनों में ही कारगर साबित होगा। यह नाक के जरिए दिया जाएगा, जिससे बच्चों में टीके का डर भी नहीं रहेगा।

ट्रायल के लिए वालंटियर की तलाश शुरू

 हालांकि, अभी ट्रायल शुरू होने में वक्त है, लेकिन जितनी जल्दी तैयारियां पूरी की जाएंगी।यह उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा। फिलहाल दो से लेकर 18 साल तक के किशोरों पर टीके का ट्रायल चल रहा था। इसके नतीजों के आते ही नेजल टीके का ट्रायल शुरू होगा। एम्स के मुताबिक, इस टीके के ट्रायल के लिए भी वालंटियरों की तलाश शुरू कर दी गई है।

महामारी के समय में हम किसी को भी पीछे न छोड़ें : डा. गुलेरिया

सामाजिक संस्था भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) द्वारा बुधवार को आयोजित एक शांति संगोष्ठी में कई वक्ताओं ने आनलाइन भाग लिया। बीएसजी की नई संगोष्ठी श्रृंखला क्रियाशील संवाद से मानवता का सशक्तिकरण का शुभारंभ हुआ है। एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि महामारी के समय में किसी को भी पीछे न छोड़ने की अवधारणा सबसे अधिक प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण है। इनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा क्षेत्र की असमानताएं शामिल हैं, जहां कई लोग पीछे रह गए। 1983 से प्रत्येक वर्ष बीएसजी के अध्यक्ष दाईसाकु इकेदा एक शांति प्रस्ताव लिखते आए हैं , जिसमें वे वैश्विक मुद्दों के संभावित समाधान प्रस्तुत करते हैं।


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