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बिहार रवाना होने से पहले बोले- 'हम मजदूर हैं हुजूर, हालात से मजबूर, पर लौटेंगे जरूर'

मध्य प्रदेश और बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों में हालात सुधरने पर फिर से लौटने का संकल्प साफ दिख रख था।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 06:54 AM (IST)
बिहार रवाना होने से पहले बोले- 'हम मजदूर हैं हुजूर, हालात से मजबूर, पर लौटेंगे जरूर'
बिहार रवाना होने से पहले बोले- 'हम मजदूर हैं हुजूर, हालात से मजबूर, पर लौटेंगे जरूर'

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए शुक्रवार को दिन में 3.25 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 1190 यात्रियों को लेकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई। सफर कर रहे लोगों की आंखों में एक तरफ इस संकट के समय अपनों के पास जाने की खुशी थी वहीं तो वहीं मजबूर होकर लौटने से उपजी निराशा और हालात सुधरने पर फिर से लौटने का संकल्प साफ दिख रख था।

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बयां किया मानसिक दर्द

ज्यादातर प्रवासी मजूदरों का कहना था कि यह संकट जरूर टलेगा और हम भी जरूर लौटकर आएंगे। फिलहाल इस मुश्किल दौर में परिवार के साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने यहां पर रहने के दौरान मानसिक दर्द को भी बयां किया।

मध्य प्रदेश के मजूदर भी लौटे अपने घर

यहां पर बता दें कि बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश के कामगारों को लेकर पहली श्रमिक विशेष ट्रेन रवाना हुई थी। इसी कड़ी में शुक्रवार को दूसरी ट्रेन मुजफ्फरपुर के लिए चलाई गई जिसमें बिहार के कई जिलों के लोगों को घर लौटने का मौका मिला। ट्रेन शनिवार सुबह साढे़ नौ बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी। वहां से सड़क मार्ग से उन्हें उनके जनपद में भेजा जाएगा।

प्रत्येक यात्री को प्लेटफॅार्म पर पहुंचने से पहले कोच नंबर बताया जा रहा था और कतारबद्ध होकर अपने कोच में बैठ रहे थे। 72 यात्रियों की क्षमता वाले स्लीपर कोच में 54 को सफर करने की अनुमति दी गई जिससे शारीरिक दूरी का पालन हो सके।

इनकी सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) और दिल्ली पुलिस के लगभग ढाई सौ जवान तैनात थे। ट्रेन में आरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं जिससे कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। घर लौट रहे कई लोगों का कहना था कि वह वर्तमान हालात की वजह से परिवार के पास लौट रहे हैं।

फिलहाल नहीं है रोजगार

वहीं, मोतीहारी के सुरेश, छपरा के मुकेश कुमार, बक्सर के दरोगा गौड़ व मोतीहारी के रहने वाले सुरेश का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से उनके पास कोई रोजगार नहीं है। पैसे भी नहीं बचे हुए हैं।

कोरोना का कहर कम होने की उम्मीद

 सरकार व विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे भोजन से वह पेट भर रहे थे घर पहुंचने से वह परिवार के बीच रहेंगे। लेकिन, उन्हें उम्मीद है कि जल्द कोरोना का प्रकोप खत्म होगा। उसके बाद वह फिर से दिल्ली आएंगे। वहीं, भागलपुर के रहने वाले शंकर सहित कई लोगों का कहना था कि वह कब लौटेंगे इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं।


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