बीटिंग रिट्रीट के साथ संपन्न हुआ गणतंत्र दिवस समारोह
बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। 26 जनवरी से शुरू होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का रविवार को राजपथ के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के साथ समापन हो गया। रविवार शाम को शुरू हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। राष्ट्रपति इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होते हैं। कार्यक्रम का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर जी जयचंद्रन ने किया।
इस बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में 16 सेना के बैंड्स के अलावा 16 पाइप एंड ड्रम बैंड शामिल हुए। इसके अलावा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बैंड ने भी हिस्सा लिया। सेरेमनी में 26 से ज्यादा धुनें बजाई जा रही हैं इनमें से ज्यादातर धुनों में भारतीय और पश्चिमी संगीत का मिश्रण नजर आया। जो धुने बजाई जा रही हैं उनमें पटनी टॉप, मनी मस्क, बेनिहाल धुनें शामिल हैं।
Delhi: 'Beating Retreat' ceremony underway at Vijay Chowk pic.twitter.com/PtQGs49l4V
— ANI (@ANI_news) January 29, 2017
यह है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के बाद हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
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वैसे यह परंपरा अंग्रेजों की देन है। 18 जून 1690 में इंग्लैंड के राजा जेम्स टू ने अपनी सभी सेनाओं के लौटने पर ड्रम बजाने का आदेश दिया था। भारत में इसकी शुरुआत 1950 में हुई। उस समय मिलिट्री के अलावा पाइप्स और ड्रम बैंड्स और ट्रंपेटर्स के साथ आर्मी की अलग-अलग रेजीमेंट्स के बैंड्स भी शामिल हुए थे।