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दिल्ली-NCR में होगी अनूठी शादीः लड़की वाले करेंगे कन्यादान और बाराती अंगदान

शादी के निमंत्रण पत्र में लिखा गया संदेश ’शरीर के नौ अंगों का हो सकता है दान' शरीर के नौ अंग मृत्यु के बाद दान किए जा सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 07:39 AM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 10:17 AM (IST)
दिल्ली-NCR में होगी अनूठी शादीः लड़की वाले करेंगे कन्यादान और बाराती अंगदान
दिल्ली-NCR में होगी अनूठी शादीः लड़की वाले करेंगे कन्यादान और बाराती अंगदान

सोनीपत (संजय निधि)। सोनीपत में 31 अक्टूबर को एक अनोखी शादी होगी। इस शादी में आठवां वचन होगा अंगदान और देहदान। इसमें पिता जहां कन्यादान करेंगे वहीं सभी बाराती अंगदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराएंगे। रोहतक के गांव निरथान निवासी आनंद कुमार की बेटी शिवानी की शादी दिल्ली के नरेला निवासी अश्विनी के साथ सोनीपत में होगी।

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आनंद 1998 से सोनीपत में रह रहे हैं और यहां एक वृद्धाश्रम चलाते हैं। वह कई वर्षो से लोगों को अंगदान व देहदान के लिए जागरूक कर रहे हैं। अब तक कई लोगों के अंग व देहदान करवा चुके हैं, जिसमें उनकी माता भी शामिल हैं।

आनंद बताते हैं कि इस मुहिम के पीछे भी उनकी बेटी शिवानी है। शिवानी जब रोहतक के गांव कंसाला में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई कर रही थी, तो उसकी एक लड़की से दोस्ती हो गई।

इस दौरान उसके दोस्त का एक अंग खराब हो गया। लड़की के परिजनों की लाख कोशिशों के बाद भी बदलने के लिए अंग नहीं मिला और उसकी मौत हो गई। इससे दुखी शिवानी ने मुझे अंगदान करने व कराने के लिए प्रेरित किया।

आनंद कहते हैं कि अब उसी बेटी की शादी है, जिसने शादी के सात फेरों के साथ अपने पति को आठवें वचन अंगदान के लिए मनाया है। उसकी इस मुहिम के तहत दूल्हे के अलावा बरातियों ने भी अंगदान करने का वचन दिया है।

शरीर के नौ अंगों का हो सकता है दान

खास बात यह है कि शादी के कार्ड पर अंगदान व देहदान के लिए प्रेरित किया गया है। शादी के निमंत्रण पत्र में लिखा गया संदेश ’शरीर के नौ अंगों का हो सकता है दान' शरीर के नौ अंग मृत्यु के बाद दान किए जा सकते हैं। इससे 28 प्रकार के रोगियों को बेहतर जीवन मिल सकता है।

आंख, लीवर, किडनी, लंग्स, हार्ट, स्किन आदि का भी दान किया सकता है। जिन लोगों का लिवर कैंसर, हेपेटाइटिस आदि बीमारियों से खराब हो गया है, उनके लिए यदि एक व्यक्ति लीवर दान करता है तो यह तीन लोगों के लिए काम आ सकता है।

त्वचा का दान किया जाए तो उसे पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है और यह तेजाब के शिकार या आग से जले लोगों के काम आ सकती है।

हर साल होती हैं पांच लाख मौतें

भारत में हर साल पांच लाख लोगों की मौत केवल अंगों के नाकाम होने के कारण होती है। इसमें दो लाख लोग लिवर खराब होने, डेढ़ लाख लोग किडनी और 50 हजार लोग हृदय के फेल होने से मर जाते हैं। हर साल डेढ़ लाख किडनी की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल पांच हजार ही उपलब्ध हो पाती हैं।

आवश्यकता अधिक और आपूर्ति कम होने की वजह से ही अवैध तरीके से अंग हासिल करने के लिए मानव तस्करी, बच्चों के गुम होने और अवैधानिक तरीके अपनाने जैसे अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।


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