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Barapulla Elevated Road: जल्द शुरू होगा दक्षिण दिल्ली को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने की परियोजना पर काम

Barapulla Elevated Road दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार किसानों को जमीन का मुआवजा देने जा रही है। जिसके चलते अगले छह माह में किसानों की जमीन परियोजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग काे मिलने की उम्मीद है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 02:20 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 02:20 PM (IST)
Barapulla Elevated Road: जल्द शुरू होगा दक्षिण दिल्ली को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने की परियोजना पर काम
सिग्नल फ्री बारापुला एलिवेटेड रोड फेज-3 परियोजना बनने से लोगों की राह आसान होगी।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]।  दक्षिण दिल्ली को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने वाले सिग्नल फ्री बारापुला एलिवेटेड रोड फेज-3 परियोजना के निर्माण में आने वाली किसानों की भूमि का मामला सुलझता दिखाई दे रहा है। मामला अदालत में भी चला गया था, मगर इस मामले के सुलझने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। दिल्ली सरकार किसानों को जमीन का मुआवजा देने जा रही है। जिसके चलते अगले छह माह में किसानों की जमीन परियोजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग काे मिलने की उम्मीद है। इसके बाद परियोजना पर काम पूरा होने में एक से डेढ़ साल और लगेगा। बता दें कि बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर फेज-3 परियोजना के जिन 2 पिलर को बनाने का काम पिछले पांच साल में इसलिए शुरू नहीं हो पाया था क्योंकि किसानों ने इस जमीन पर अपना दावा कर दिया था। 

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गौरतलब है कि बारापुला फेज-3 परियोजना का 23 सितंबर 2014 को शिलान्यास हुआ था। उस समय दिल्ली में चुनी हुई सरकार नहीं थी। इसका शिलान्यास उस समय के केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। उस समय इस काम को सितंबर 2017 में पूरा किया जाने का लक्ष्य रखा गया था, मगर परियाेजना के बीच की कुछ जमीन पर किसानों ने अपना दावा कर दिया था। जिससे यमुना खादर में दो स्थानों पर काम रुका हुआ है। पीडब्ल्यूडी को परियाेजना पूरी करने के लिए दो भागों को मिलाकर किसानों की साढ़े आठ एकड़ जमीन की जरूरत है। परियोजना के लिए जो जमीन चाहिए है उनमें एक भाग के टुकड़े पर दो पिलर बनने हैं। यह जमीन जितनी जल्दी मिल जाती है विभाग यहां काम की तैयारी शुरू कर देगा। इस जमीन के लिए राजस्व विभाग ने यमुना खादर में गत अगस्त में पैमाइश की थी। पैमाइश का काम पूरा हो गया है। परियोजना के नक्शे और जमीन के रकबे का मिलान किया जा रहा है।

क्या है योजना

बारापुला के तीसरे फेज में सराय काले खां से मयूर विहार तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। इसकी लंबाई साढ़े 3 किलोमीटर है। यह कॉरिडोर 8 लेन का है, जिसकी चौड़ाई 35 मीटर है। इसके तैयार होने पर मयूर विहार से एम्स तक साढ़े 9 किलोमीटर रोड सिग्नल फ्री हो जाएगा। इस रोड पर कोई लालबत्ती नहीं मिलेगी। काॅरिडाेर का ढांचा बनाने का 90 फीसद से अधिक काम पूरा हो चुका है।

134 मीटर है एक पिलर से दूसरे पिलर के बीच की दूरी

सराय काले खां से मयूर विहार तक करीब साढ़े 3 किलोमीटर लंबा यह एलिवेटेड काॅरिडोर बनाया जा रहा है। इसका करीब 800 मीटर लंबा भाग यमुना के ऊपर बन रहा है। इस ब्रिज में छह पिलर बनाए जा रहे हैं। इन पर करीब 800 मीटर का भाग रुका होगा। इस ब्रिज के एक पिलर से दूसरे पिलर के बीच की दूरी 134 मीटर है। जबकि अभी तक दिल्ली में किसी भी ब्रिज में एक पिलर से दूसरे पिलर के बीच की दूरी इतनी नहीं है। सिर्फ 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान तैयार किए गए आर्च वाले फुटओवर ब्रिज की लंबाई 9्र0 मीटर रखी गई थी। जाे अभी तक की सबसे अधिक है। बारापुला के इस ब्रिज की दूरी बढ़ने के कारण तकनीक में बदलाव किया गया है। इसे अतिरिक्त मजबूती देने के लिए सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर इसे तारों के साथ बनाया जा रहा है। इस ब्रिज में 6 पिलर बनाए जा रहे हैं। पिलर से स्पैन के हर भाग को तारों में माध्यम से जोड़ा जाएगा। पिलर की ऊंचाई 26 मीटर रखी गई है। इन पिलर की नीव 55 मीटर गहरे कुओं पर बनाई गई है। जिन तारों पर ब्रिज को रोका गया है। ये तार जर्मनी से मंगाए गए हैं। खास बात यह है कि बारापुला फेज 3 के तहत अन्य भाग जहां तीन-तीन लेन के बनाई गई हैं, जबकि इस ब्रिज के दोनोें भाग चार चार लेन के हैं। इस पर साइकिल ट्रैक व फुटपाथ भी बनाया जाएगा।

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