नेताओं का करीबी बनकर सेल्समैन ने सहकारी बैंक को लगाई करोड़ों की चपत, फरीदाबाद से गिरफ्तार Palwal News
पलवल सहकारी बैंक में लोन देने के नाम पर करोड़ों रुपये की धांधलेबाजी के आरोपित सेल्समैन को गिरफ्तार किया है।
फरीदाबाद [संजय मग्गू] पलवल सहकारी बैंक में लोन देने के नाम पर करोड़ों रुपये की धांधलेबाजी के आरोपित गुरवाड़ी सेल प्वाइंट के सेल्समैन श्यामसुंदर को चांदहट थाना पुलिस ने सोमवार देर रात फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में दो माह पूर्व ही एसआइटी का गठन किया गया था। प्रारंभिक पूछताछ में कुछ राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई सफेदपोशों की भी आरोपित से निकटता सामने आई है।
पुलिस बैंक प्रबंधक देवेंद्र को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि श्यामसुंदर की पत्नी बबली अंतरिम जमानत पर है। मंगलवार को पुलिस ने आरोपित को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एसआइटी के अनुसार बीमारी के चलते आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अब प्रोडक्शन वारंट पर लेकर उससे पूछताछ होगी।
2017 में सामने आया था मामला
वर्ष 2017 में सोसायटी रजिस्ट्रार को शिकायत दी गई थी कि दी फरीदाबाद सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के तहत आने वाले बैंकों में लोन देने के नाम पर गबन हो रहा है। फर्जी तरीके से डिजिटल साइन कर लोन कर दिए गए। जिन लोगों के नाम पर लोन जारी हुए उससे पूर्व ही उनकी मौत हो चुकी थी। शिकायत पर रजिस्ट्रार ने चांदहट व गुरवाड़ी पैक्स के पिछले दस वर्षों का विशेष ऑडिट कराया जिसमें गबन की पुष्टि हुई। जांच पूरी होने के बाद महाप्रबंधक के आदेश पर सेवानिवृत प्रबंधक लीलाराम, सेल्समैन पन्नालाल व नृपेंद्र कुमार के खिलाफ जून 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था।
गुरवाड़ी सेल प्वाइंट के पूर्व प्रबंधक देवेंद्र कुमार और सेल्समैन श्यामसुंदर भी हेराफेरी में लिप्त। श्यामसुंदर ने अपनी पत्नी बबली के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे, जिस पर दो अगस्त 2017 को बैंक सोसायटी के श्याम सुंदर व बबली के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
इस क्षेत्र में काम करता है को-आपरेटिव बैंक
द फरीदाबाद सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड के अंतर्गत फरीदाबाद व पलवल की सहकारी समितियां आती हैं। दोनों जिलों में सहकारी समितियों के 10 निदेशक बनते हैं तथा इन्हीं में से ही चेयरमैन का चयन होता है। आठ से 10 गांवों के बीच बैंक खोला जाता है। अधिकांश किसान समितियों के सदस्य होते हैं। सभी सदस्यों को लोन देने का प्रावधान है, जिसे हद कर्जा का नाम दिया जाता है जो कि 50 हजार रुपये के करीब होता है। गांव गुरवाड़ी व चांदहट में इसे एक लाख तक कर दिया गया था। पिछले वर्षों में सहकारी बैंकों से इसी लोन को निकालने के नाम पर हेराफेरी की गई।
कई ऐसे सदस्यों के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर कर लोन निकाला गया, जिनकी मौत हो चुकी थी। रिकवरी के समय घोटाले का पर्दाफाश हुआ। हालांकि, पुलिस व समिति सूत्रों की मानें तो घोटाले का खेल अब भी जारी है तथा पिछले कुछ माह में एक अन्य बैंक से इसी प्रकार फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर कर लोन की राशि निकाली गई है। कई सफेदपोश भी अब जांच के घेरे में पुलिस सूत्रों के अनुसार एक कांग्रेसी नेता का भाई भी इस मामले में पुलिस की रडार पर है। इसके अलावा भाजपा से जुड़े एक नेता का नाम भी इसमें सामने आ रहा है कि उसने मामले को दबाए रखे के लिए आरोपितों से मोटी रकम ली हुई थी।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चांदहट थाने में दर्ज इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया था। आरोपित को सोमवार की रात को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की गहनता से जांच चल रही है तथा मैं खुद इसकी मॉनिट¨रग कर रहा हूं। जांच के दौरान जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।