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Delhi Water Crisis: दिल्ली के लोगों के लिए हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों से आई बुरी खबर

Delhi Water Crisis वजीराबाद में यमुना के जलस्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। बल्कि जल स्तर पिछले दिन के मुकाबले रविवार को घटकर कर 668 फीट हो गया है। वहीं दिल्ली को जरूरत 1200 फीट की है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 06:44 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 07:49 AM (IST)
Delhi Water Crisis: दिल्ली के लोगों के लिए हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों से आई बुरी खबर
Delhi Water Crisis: दिल्ली के लोगों के लिए हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों से आई बुरी खबर

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। वजीराबाद में यमुना का जल स्तर कम होने के कारण इन दिनों पेयजल किल्लत से जूझ रही दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त पानी मिलने की उम्मीदें भी टूट गई है। इसका कारण यह है कि उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश ने दिल्ली को पेयजल के लिए अतिरिक्त पानी देने की योजना से हाथ पीछे खींच लिए हैं। इसलिए हाल फिलहाल दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से गंगा व यमुना का अतिरिक्त पानी नहीं मिलने वाला है।

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दरअसल, दिल्ली जल बोर्ड ने दिसंबर 2019 में हिमाचल प्रदेश से एक समझौता किया था। 21 दिसंबर 2019 को जल बोर्ड द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि समझौते के तहत हिमाचल प्रदेश ने ताजेवाला बांध से दिल्ली को हर साल नवंबर से फरवरी के बीच 198 एमजीडी (368 क्यूसेक) व मार्च से जून के बीच 144 एमजीडी (268 क्यूसेक) अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराएगा। समझौते के तुरंत बाद इस पर अमल होना था।

बताया जा रहा है कि अतिरिक्त पानी के बदले जल बोर्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश को 21 करोड़ भुगतान किया जाना था। इसके बाद हरियाणा ने अपर यमुना रिवर बोर्ड में शिकायत कर इस समझौते पर आपत्ति जाहिर की थी और सवाल उठाया था कि हिमाचल प्रदेश के पास अतिरिक्त पानी कहा है जो दिल्ली को आपूर्ति करेगा? इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

इसके अलावा पिछले कुछ सालों से उत्तर प्रदेश के सिंचाई व जल संसाधन विभाग और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के बीच दिल्ली को 140 एमजीडी पानी उपलब्ध कराने के लिए बातचीत चल रही थी। इसके तहत जल बोर्ड ने उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिए ओखला सीवरेज शोधन संयंत्र से 140 एमजीडी सीवरेज का उपचारित जल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया था और बदले में उत्तर प्रदेश से पेयजल के लिए गंगा का 140 एमजीडी पानी उपलब्ध कराने की मांग थी।

दोनों राज्यों के विभाग शुरुआत में इस योजना पर सहमत थे। इस वजह से कंसल्टेंट नियुक्त योजना की रूपरेखा भी तैयार की। इसके तहत उत्तर प्रदेश से गंगा का अतिरिक्त पानी दिल्ली लाने के लिए मुरादनगर से सोनिया विहार तक दूसरी पाइप लाइन बिछाने पर काफी हद तक सहमति बन गई थी। इसका खर्च जल बोर्ड को उठाना था।

इसके मद्देनजर सोनिया विहार में 140 एमजीडी क्षमता का नया जल शोधन संयंत्र बनाने की योजना भी तैयार कर ली गई। जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों राज्यों ने करीब छह माह पहले दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने पर असहमति जाहिर कर दी है। इसलिए अभी कहीं से अतिरिक्त पानी मिलने की संभावना जल बोर्ड को नहीं दिख रही है। 

वहीं, दिल्ली ने हरियाणा से 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग अवश्य की है, लेकिन हरियाणा का कहना है कि वह पानी की कमी के कारण पहले ही अपने इलाकों में ही पानी नहीं दे पा रहा है, ऐसे में दिल्ली को अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है।


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