जानें- 'मोमो गेम' में अजीब सी दिखने वाली महिला का राज, ऐसे मिलता है चैलेंज, रहें सावधान
मोमो चैलेंज अपने साथ कई खतरों को लेकर आता है। जब से मौत के मोमो चैलेंज का खौफ देश में पसरना शुरू हुआ है तब से हर शख्स अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
गुरुग्राम [यशलोक सिंह]। साइबर सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति की पहुंच इंटरनेट तक आसानी से है। यहां 12 से 15 साल तक के किशोर के पास भी सेल फोन है। ये अपने दोस्तों से वाट्सएप और वॉयस कॉल के माध्यम से लगातार संपर्क में रहते हैं। आमतौर से अभिभावकों द्वारा यह मानकर उन्हें ऐसा करने की छूट दी जा रही है कि आज के दौर में यह जरूरी है। साइबर सिटी में बड़ी संख्या में किशोर हैं जो मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से काफी ऐसे हैं जो ऑनलाइन गेम्स के दिवाने हैं। ऐसे बच्चों के अभिभावक सबसे अधिक परेशान हैं।
सतर्कता और सावधानी ही है बचाव
मोमो चैलेंज अपने साथ कई खतरों को लेकर आता है। जब से मौत के 'मोमो चैलेंज' का खौफ देश में पसरना शुरू हुआ है तब से हर शख्स अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मनोवैज्ञानिकों और गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे खतरनाक ऑनलाइन गेम्स के प्रसार में देरी नहीं होती। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर पुलिस को सतर्क किया गया है। साइबर सेल की टीम भी नजर रख रही है।
बच्चों के व्यवहार पर बारीकी से नजर रखें
गौरतलब है कि देशभर में 'मोमो चैलेंज' इस समय चर्चा में है। साइबर सिटी के स्कूल और कॉलेज भी इसे लेकर सतर्कता दिखाने लगे हैं। मोबाइल लेकर आने वालों पर नजर रखी जा रही है। वहीं अभिभावकों ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है। मनोवैज्ञानिकों की सलाह है कि अभिभावक अपने बच्चों के व्यवहार पर बारीकी से नजर रखें। यदि उसमें असामान्य बदलाव दिखे तो उसकी काउंसिलिंग कराएं। ऑनलाइन के जानकार शिवेंद्र नायर का कहना है कि जहां तक हो सके अभिभावक ऑनलाइन प्लेटफार्म पर गेम्स खेलने से अपने बच्चों को रोक दें।
अर्जेंटीना से हुई शुरुआत, जापान से जुड़ा लिंक
'मोमो चैलेंज' की शुरुआत अर्जेंटीना से बताई जा रही है। वहीं पर इसने सबसे पहले अपना शिकार बनाया था। गूगल पर अगर मोमो चैलेंज को सर्च किया जाए तो एक पक्षी की फोटो मिलेगी, जिसका मुंह एक महिला का है जो अजीब सा है। ऑनलाइन गेम्स के जानकारों का कहना है कि इस चित्र को लगाने के पीछे इस चैलेंज को बनाने वाले का मनोविज्ञान क्या है इसके बारे में अभी कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता। हां इस बात की जानकारी जरूर है कि यह चित्र टोकियो के वनीला आर्ट गैलरी में रखा गया है, जिसे जापान निवासी मिडोरी हयासी ने मजाक-मजाक में बनाया था। गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े मिलिंद का कहना है कि किसी भी अंजान नंबर से वाट्सएप चैट नहीं करना चाहिए। वहीं ऑनलाइन मिलने वाले लिंक को नहीं खोलना चाहिए।
यूजर को इस प्रकार से मिलता है चैलेंज
-यूजर को अज्ञात नंबर मिलता है जिसे सेव कर वह हाय-हेलो का चैलेंज देता है
-उस अज्ञात नंबर पर बात करने का चैलेंज मिलता है
-बाद में नंबर से यूजर को भयानक व डरावनी तस्वीरें और विडियो क्लिप्स प्राप्त होते हैं
-यूजर को कुछ काम दिए जाते हैं जिन्हें पूरा नहीं करने पर उसे धमकी दी जाती है
-धमकी से डरकर यूजर खुदकुशी करने को भी मजबूर हो जाता है
टॉप-5 खतरनाक ऑनलाइन गेम्स
-ब्लू व्हेल
- द पास आउट चैलेंज
- सॉल्ट एंड आइस चैलेंज
- द फायर चैलेंज
- द कटिंग चैलेंज