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2019 के लोस चुनाव में मोदी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ेंगे केजरीवाल, सामने आई असली वजह

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल सिर्फ दिल्ली पर ध्यान देना चाहते हैं, ऐसे में वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 07:30 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 10:58 AM (IST)
2019 के लोस चुनाव में मोदी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ेंगे केजरीवाल, सामने आई असली वजह
2019 के लोस चुनाव में मोदी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ेंगे केजरीवाल, सामने आई असली वजह

नई दिल्ली, जेएनएन। 2019 के लोकसभा चुनाव (loksabha polls 2019) में आम आदमी पार्टी (AAP) मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती नहीं देंगे। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकने वाले अरविंद केजरीवाल 2019 में आम चुनाव ही नहीं लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से किसी अन्य मजबूत प्रत्याशी को जरूर उतारेगी। AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल सिर्फ दिल्ली पर ध्यान देना चाहते हैं, ऐसे में वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

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संजय सिंह का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन दावेदार नरेंद्र मोदी को वाराणसी सीट पर कड़ी चुनौती दी थी। 2014 के इस लोकसभा चुनाव में वह मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे थे।

संजय सिंह के मुताबिक, AAP दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ की सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, वहीं उत्तर प्रदेश (UP) की कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी।  संजय सिंह का कहना है कि दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, बिजली, पानी की प्राथमिकताओं पर काम कर रही है।अगर हम राष्ट्रीय राजनीति में जाएंगे तो सभी के लिए शिक्षा, कमजोर तबकों को निःशुल्क शिक्षा, बेरोजगारी खत्म करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने के मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएंगे।

AAP नेता संजय सिंह ने गठबंधन पर कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन अभी पूरा नहीं है। जल्द महागठबंधन बनाया जाएगा, जो भाजपा को प्रदेश से खदेड़ सके।

उन्होंने उप्र में प्रशासन द्वारा मंदिर तोड़ने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर ज्यादती की जा रही है। वह इस मामले में राज्यसभा में प्राइवेट बिल लाएंगे। साथ ही अगला आंदोलन प्रयागराज से करने का संकेत दिया। प्रदेश के सियासी माहौल पर AAP नेता ने अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल के साथ होने की बात कही।
 

मोदी से 3,71,784 वोटों के अंतर से हारे थे केजरीवाल
यहां पर बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया था। यहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल 3,71,784 वोटों के अंतर से हरा दिया था। नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले ते, जबकि दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले।

कांग्रेस व सपा-BSP उम्मीदवारों की नहीं बची थी जमानत
उधर, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन  वह भी जमानत नहीं बचा सके। इतना ही नहीं, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी अपनी ज़मानत नहीं बचा सके थे।

केजरीवाल ने वाराणसी में चुनाव प्रचार खर्च किए थे 50 लाख रुपये

यहां पर बता दें कि 2014 के वाराणसी लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। बाद में इस बात का भी पता चला था कि दूसरे नंबर पर रहकर मोदी को कड़ी टक्कर देने वाले अरविंद केजरीवाल ने चुनान प्रचार पर 50.10 लाख रुपये खर्च किए थे। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ने सबसे ज्यादा 54.45 लाख रुपये खर्च किए थे। चुनाव प्रचार पर खर्च करने वालों में नरेंद्र मोदी पीछे रहे और उन्होंने सिर्फ 37.62 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के कैलाश चौरसिया ने 24.54 लाख और तृणमूल कांग्रेस की इंदिरा तिवारी ने 14.58 लाख रुपये खर्च किए थे। 

वाराणसी लोस सीट की यह है खास बात

वाराणसी लोकसभा सीट भाजपा परंपरागत रूप से जीतती रही है। पिछले छह लोकसभा चुनावों में पांच में भाजपा ने यहां से जीत हासिल की है। यह अलग बात है कि लोकसभा चुनावों में अब तक सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड सीपीआई(एम) के अनिल बसु के नाम है। उन्होंने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की आरमबाग सीट से 5,92,502 मतों से जीत हासिल की थी।

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