CM vs LG: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केजरीवाल नाखुश, बोले- दिल्ली वालों सातों सीट जिताओ
ज्यादातर फैसले केंद्र के पक्ष में जाने पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार अपने अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं कर सकती है, तो सरकार काम कैसे करेगी?
नई दिल्ली, जेएनएन। अधिकार को लेकर छिड़ी जंग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के मामले में सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार झटका दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने जहां एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) को जहां केंद्र के अधीन रखा, वहीं उनकी कई मांगों को ठुकरा दिया है, जिसमें अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का मसला भी है। फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ज्यादातर फैसले केंद्र के पक्ष में जाने पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार अपने अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं कर सकती है, तो सरकार काम कैसे करेगी? उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जिस पार्टी (AAP) के पास 67 सीटें हैं उसके पास कोई अधिकार नहीं है, जबकि तीन सीट जीतने वाली पार्टी के पास सारे अधिकार हैं।
दो जजों की बेंच ने दी अलग-अलग राय
यहां पर बता दें कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों जजों में एक राय नहीं बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अपना खंडित फैसला बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। इसके अलावा दो सदस्यीय पीठ भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB), राजस्व, जांच आयोग और लोक अभियोजक की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमत हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र की उस अधिसूचना को बरकरार रखा है, जिसमें दिल्ली सरकार का एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में उसके कर्मचारियों की जांच नहीं कर सकता है। एसीबी पहले की तरह केंद्र सरकार के ही अधीन रहेगी, क्योंकि पुलिस केंद्र के पास है।
- 1. केंद्र के पास जांच आयोग नियुक्त करने का अधिकार होगा।
- 2. स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेगा।
- 3. रेवेन्यू पर एलजी की सहमति लेनी होगी।
- 4. इलेक्ट्रिसिटी मामले में डायरेक्टर की नियुक्ति सीएम के पास होगी।
ट्रांसफर व पोस्टिंग पर बंटे जज
जस्टिस सीकरी ने अपने फैसले में कहा कि ग्रेड-1 और ग्रेड-2 के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग केंद्र सरकार करेगी जबकि ग्रेड-3 और ग्रेड-4 के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का मामला दिल्ली सरकार के अधीन होगा। अगर कोई मतभेद होता है तो मामला राष्ट्रपति को जाएगा। दो जजों की बेंच में शामिल जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि सर्विसेज केंद्र के पास रहेगा। ऐसे में दोनों जजों की राय बंट गई।