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डीडीसीए केसः केजरीवाल को झटका, HC ने लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना

डीडीसीए ने मानहानि मुकदमा दायर कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल और कीर्ति आजाद ने उसकी कार्यप्रणाली और वित्तीय कामकाज के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 07 Feb 2017 07:47 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2017 09:42 PM (IST)
डीडीसीए केसः केजरीवाल को झटका, HC ने लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना
डीडीसीए केसः केजरीवाल को झटका, HC ने लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना

नई दिल्ली (जेएनएन)। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में चुनाव प्रचार से दिल्ली लौटे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) द्वारा दायर सिविल मानहानि मामले में देरी से जवाब दायर करने पर हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल पर दस हजार व भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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हाई कोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार अनिल कुमार सिसोदिया ने कहा कि जुर्माना राशि भरने के बाद ही दोनों के जवाब को केस रिकार्ड में शामिल किया जाएगा। संयुक्त रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में कहा कि मुख्यमंत्री पर लगाया दस हजार रुपये का जुर्माना डीडीसीए को दिया जाएगा।

वहीं, आजाद पर लगाए जुर्माने की रकम में से 20 हजार डीडीसीए को व दस हजार रुपये हाई कोर्ट विधिक सेवा प्राधिकरण को दिया जाएगा। संयुक्त रजिस्ट्रार ने 15 जनवरी को इस बारे में अपना फैसला सुरक्षित किया था। दोनों ने अलग-अलग याचिका दायर कर देरी से जवाब दाखिल करने पर माफी मांगी थी, जिसका डीडीसीए के वकील ने विरोध किया था।

उन्होंने अदालत को बताया था कि मुख्यमंत्री ने 16 दिन व आजाद ने 70 दिन बाद अपना जवाब दायर किया है। मुख्यमंत्री को इस तरह के झूठे बयान देने की आदत है। मुख्यमंत्री के वकील का कहना था कि व्यवस्ता के कारण उनके मुवक्किल से ऐसा हुआ। उन्हें इसके लिए क्षमा किया जाए, जबकि आजाद का कहना था कि वह संसद में व्यस्त थे। जिसके चलते जवाब दाखिल करने में देरी हुई। वह इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।

पेश मामले में डीडीसीए ने मानहानि मुकदमा दायर कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल और कीर्ति आजाद ने उसकी कार्यप्रणाली और वित्तीय कामकाज के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए हैं।

वित्तीय अनियमितताओं और कनिष्ठ स्तर पर चयन में भ्रष्टाचार के आरोपों से क्रिकेट इकाई की छवि खराब हुई है। डीडीसीए को इससे 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। ऐसे में दोनों से ढाई-ढाई करोड़ रुपये बतौर मुआवजा दिलवाया जाए।


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