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अफगानिस्‍तान से आए 200 सिख परिवारों के लिए सहारा बना दिल्‍ली का गुरुद्वारा

आफगानिस्‍तान से आए करीब 200 सिख परिवारों के लिए दिल्ली का गुरुद्वारा सहारा बना हुआ है। यहां करीब 200 सिख श्रद्धालु फिलहाल रह रहे हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 08:39 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 08:39 PM (IST)
अफगानिस्‍तान से आए 200 सिख परिवारों के लिए सहारा बना दिल्‍ली का गुरुद्वारा
अफगानिस्‍तान से आए 200 सिख परिवारों के लिए सहारा बना दिल्‍ली का गुरुद्वारा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। आफगानिस्‍तान से आए करीब 200 सिख परिवारों के लिए दिल्ली का गुरुद्वारा सहारा बना हुआ है। यहां करीब 200 सिख श्रद्धालु फिलहाल रह रहे हैं। इनमें से एक बलबीर सिंह ने बताया कि हम आने से पहले अपने काफी डर में थे। अब यहां आकर सेफ महसूस कर रहे हैं। हमने यहां आने के लिए अपने घर तक को छोड़ दिया है।

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बता दें कि आतंकवाद से पीड़ित कई परिवार अफगानिस्‍तान से दिल्‍ली आकर बसने पर मजबूर हो गए हैं। इन्‍हीं लोगों के लिए दिल्‍ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी रहनुमा बना हुआ है। इन विस्‍थापितों को यहां रहने के लिए आसारा मिला हुआ है। दिल्ली के मोती बाग इलाके में बने एक गुरुद्वारा में फिलहाल कई विस्‍थापित रह रहे हैं। अफगानिस्तान से आए सिखों का यह एक बड़ा ठिकाना है। यहां के 31 कमरों में 138 लोग फिलहाल रह रहे हैं। इस गुरुद्वारा के प्रमुख वीसी हरजीत एस बेदी के अनुसार इनके बच्चों को गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल में नाम लिखवाने का भी प्रयास किया जा रहा है। ये सभी परिवार इस्लामी आतंक के साए में तिल-तिल कर जीने को मजबूर थे। हाल ही में गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले और इसमें मारे गए 27 लोगों की घटना ने इनके सब्र का बांध तोड़ दिया।

सजग नागरिक बनाना ही उद्देश्य

इधर, उत्तरी निगम की शिक्षा समिति की चेयरपर्सन गरिमा गुप्ता ने कहा कि निगम स्कूलों में बच्चों को न केवल शिक्षित किया जाएगा, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए निगम ने नया शिक्षा कार्यक्रम बनाया है। इस कार्यक्रम के तहत स्कूली शिक्षा के साथ शहर को स्वच्छ रखने, यातायात नियमों का पालन करने और दिव्यांग बच्चों की मदद करने की भी शिक्षा दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस नए शिक्षा कार्यक्रम को शिक्षा समिति ने मंजूरी दे दी है। अब इस कार्यक्रम के तहत निगम के सभी स्कूलों में पढ़ाई कराई जाएगी। गुप्ता ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल बच्चों को शिक्षित करना नहीं, बल्कि उन्हें सजग नागरिक बनाना है, क्योंकि बच्चे की शिक्षा तो उसके स्वयं के विकास में काम आएगी।

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