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यूपीः ग्रेटर नोएडा में एक और अवैध इमारत धराशायी होने की कगार पर

एक माह पहले इसकी इमारत चार इंच जमीन में धंस गई। इससे फ्लैटों में चारों तरफ दरार पड़ गई। निर्माण कार्य में लगे मजदूर काम छोड़कर भाग गए।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 09:08 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 10:39 AM (IST)
यूपीः ग्रेटर नोएडा में एक और अवैध इमारत धराशायी होने की कगार पर
यूपीः ग्रेटर नोएडा में एक और अवैध इमारत धराशायी होने की कगार पर

नोएडा (धर्मेंद्र चंदेल/अरविंद मिश्रा)। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गांव में एक और बिल्डर प्रोजेक्ट जमींदोज होने के कगार पर है। एक माह पहले इसकी इमारत चार इंच जमीन में धंस गई। इससे फ्लैटों में चारों तरफ दरार पड़ गई। निर्माण कार्य में लगे मजदूर काम छोड़कर भाग गए। इमारत के एक फ्लैट में हरियाणा का परिवार रहता है। पिछले कई दिनों से परिवार खौफ के साये में जी रहा है। मंगलवार रात दो गली दूर इमारत गिरने की घटना से यह परिवार सकते में आ गया। बिल्डर से फोन पर बात करने का प्रयास किया तो उसने फोन नहीं उठाया। उन्होंने फ्लैट को खाली करने का मन बना लिया है।

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मंगलवार रात को जमींदोज हुई इमारत से दो गली छोड़कर जितेंद्र पाल मान बिल्डर ने जेपी हाइटस के नाम से छह मंजिला में 6 अवैध फ्लैट बनाएं हैं। फ्लैटों के निर्माण में बिल्डर ने घटिया सामग्री का प्रयोग किया है। भवन निर्माण के लिए बनाए गए पिलर हल्के हैं। वह छह मंजिला भवन का भार ङोलने की स्थिति में नहीं है। लेंटर में ढाई सूत की सरिया का इस्तेमाल किया गया है। जबकि कम से कम चार सूत की सरिया का इस्तेमाल होना चाहिए। इसी तरह पिलर में छह सूत की आठ सरिया लगनी चाहिए, लेकिन चार सूत की पांच सरिया लगाई गई हैं। कमजोर बुनियाद होने की वजह से एक माह पहले यह बिल्डिंग चार इंच जमीन में धंस गई।

अवैध इमारत बनाने वाले बिल्डरों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने एक साथ मिलकर जितेंद्र पाल मान के साथ बैठक की। बिल्डिंग धंसने के पांच दिन बाद यह बैठक बगल की एक अन्य बिल्डिंग में हुई थी। यह बात पड़ोस की बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने बताई। अन्य बिल्डरों ने जितेंद्र पाल मान को लताड़ते हुए कहा भी था कि बिल्डिंग की बुनियाद बेहद कमजोर है।

आशंका थी कि बरसात के दौरान यह बिल्डिंग गिर सकती है। उन्होंने जितेंद्र पाल से कहा भी था कि यदि बिल्डिंग गिरी तो शाहबेरी में बनाए जा रहे फ्लैटों को खरीदने के लिए कोई नहीं आएगा। इससे बदनामी होगी। इसके बाद जितेंद्र पाल ने भवन के पिलर को मजबूत करने के लिए उनकी सपोर्ट में लोहे के पिलर लगाए। सीमेंट के पिलर और लोहे पिलर में करीब छह इंच का फासला है। उसमें सीमेंट, रोड़ी और बदरपुर भरा जा रहा है।

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लोगों ने बताया कि बिल्डिंग में बने सभी 6 फ्लैटों की बुकिंग हो चुकी है। खरीदारों को जब पता चला कि यह बिल्डिंग चार इंच जमीन में धंस गई है तो उन्होंने फ्लैटों पर कब्जा लेने से इंकार कर दिया और बिल्डर से अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए। आए दिन बिल्डिंग में खरीदारों और बिल्डर के बीच पैसे वापस मांगने को लेकर विवाद होता रहता है। कई बार मारपीट की नौबत भी आ गई थी।

आशियाने में आई दरारों ने उड़ाई नींद

शाहबेरी गांव में बने दर्जनों फ्लैट के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। आरोप है कि इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की गई है। प्रशासन के ओर से कोई सकारात्मक पहल आज तक नहीं की गई है। यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने उन्हें ग्रेटर नोएडा वेस्ट की प्राइम लोकेशन व सस्ते मकान का हवाला देकर जाल में फंसा लिया। मकान में प्रवेश के बाद उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। आरोप है कि खराब गुणवत्ता के कारण कई फ्लैट में दरारें आ गई है। हर समय हादसे की आंशका सताती रहती है। एक सोसायटी में रहने वाली एक महिला बबली ने बताया कि उन्होंने करीब छह माह पूर्व 13 लाख रूपये में एक बेडरूम का फ्लैट खरीदा है। इसके दीवार में दरारें आ गई है। बिल्डर से शिकायत के बाद इसे ठीक कराया गया, लेकिन दोबारा दरार आने लगी है। एक अन्य सोसायटी में रहने वाले संतोष ने बताया कि उनके फ्लैट व सीढ़ियों में दरारें आ गई हैं। दीवार गिरने की आशंका सताती रहती है। शिकायत के बाद बिल्डर अपने सहयोगियों के साथ मिल कर कई बार धमकी भी दे चुका है। हालांकि मंगलवार रात की घटना के बाद लोग खुल कर विरोध जताने लगे हैं।

रात में नहीं आती है नींद

अखिलेश कुमारी ने अपना दर्द बयां करते हुए दैनिक जागरण को बताया कि जब से यह पता चला है कि बिल्डिंग चार इंच जमीन में धंस चुकी है, तब से रात में नींद नहीं आती। चौबीस घंटे परिवार के लोग डरे सहमें रहते हैं। मंगलवार रात को दो गली दूर बिलिं्डग गिरने की घटना के बाद परिवार के लोगों ने डर के मारे खाना नहीं खाया।


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