Gyanvapi Masjid Survey: मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ऐसे ही नहीं जाने देगा ज्ञानवापी, दिल्ली से किया गया ऐलान
Gyanvapi Masjid Survey आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) की आपात बैठक में मंगलवार को तय हुआ है कि ज्ञानवापी को ऐसे ही नहीं जाने देगा बल्कि मजबूती से इसके लिए लड़ाई लड़ेगा।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। ज्ञानवापी प्रकरण में भले ही आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) पक्षकार नहीं है, लेकिन वह भी कमर कस कर अखाड़े में कूदने की तैयारी में है। मंगलवार को बुलाई गई बोर्ड की आपातकालीन बैठक में तय हुआ कि बात चाहे ज्ञानवापी की हो या मथुरा तथा कुतुबमीनार की, इन मामलों में प्रतिवादी पक्ष के वकीलों के साथ वह पूरी शिद्दत से खड़ा रहेगा।
आननफानन में बुलाई गई एआइएमपीएलबी की बैठक में यह तय हुआ है कि ज्ञानवापी प्रकरण में वह हर तरीके से मदद करेगा, खासतौर से कानूनी तौर पर। कुलमिलाकर यह तय हुआ है कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ज्ञानवापी को ऐसे ही नहीं जाने देगा, बल्कि मजबूती से इसके लिए लड़ाई लड़ेगा।
बैठक में यह भी संकेत दिया गया है कि अपने स्तर पर इन विवादित स्थलों का दस्तावेजी प्रमाण तैयार करने की भी तैयारी उसने की है, ताकि कोर्ट के साथ सरकार तथा समाज के सामने इनके वजूद को जोरदार तरीके से रखा जा सके।
बताया गया है कि एआइएमपीएलबी की यह आपातकालीन बैठक जूम के माध्यम से हुई। यह बैठक बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता व महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी के संचालन में हुई। इसमें देशभर से 45 सदस्य जुटे तथा मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। ज्ञानवापी समेत अन्य विवादित मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की गई तो कोर्ट के रुख से इत्तेफाक नहीं रखा गया।
इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग वाले स्थान को सील करने के कोर्ट के आदेश को गलत ठहराया गया। साथ ही कहा गया कि वह इन मामलों में गंभीरता से आगे बढ़ेगा। एआइएमपीएलबी के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बैठक में मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की गई तथा इसे देश की अमन-शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश बताया गया।