Delhi Murder Case: पूनम की कमाई से चलता था घर, बिहार में पहली बीवी और 8 बच्चों को पैसे भेजता था अंजन
Delhi Murder Case दिल्ली के पांडव नगर इलाके में रहने वाले अंजन दास की हत्या उसकी पत्नी और सौतेले बेटे ने छह महीने पहले की थी। दोनों ने पहले तो चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या की फिर शव के टुकड़े कर रामलीला ग्राउंड में अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi Murder Case: दिल्ली के महरौली में श्रद्धा हत्याकांड से मिलती-जुलती पांडव नगर की घटना ने देशभर को लोगों को हैरान कर दिया है। अब इस मामले में एक के बाद एक चैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अंजन दास के मर्डर के आरोप में पत्नी पूनम और दीपक को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि पूनम की बेटी और बहू पर तो अंजन की बुरी नजर थी ही, इसके अलावा वह उसके पैसों का भी गलत इस्तेमाल कर रहा था।
पूनम के लिन-इन पार्टनर का बेटा है दीपक
जानकारी के मुताबिक, अंजन दास (45 वर्ष) और पूनम (48) साल 2016 से साथ रहते थे। एक तरफ जहां अंजन की पहली बीवी और आठ बच्चे बिहार में रहते थे। तो वहीं, पूनम ने भी अंजन से दूसरी शादी की थी। इससे पहले वह कल्लू नाम के एक शख्स के साथ लिव-इन में भी रहती थी, जिससे उसके दो बच्चे हैं। दीपक (25) उसी का बेटा था। इसके अलावा एक बेटी भी है। दीपक भी शादीशुदा था। बताया जा रहा है कि अंजन की अपनी सौतेली बेटी और बहू पर बुरी नजर थी।
पूनम की कमाई पहली बीवी और बच्चों को भेजता था अंजन
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूनम इलाके में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। उसी की कमाई पर घर का खर्च निकल पाता था। वहीं, अंजन पूनम की पूरी कमाई अपनी पहली बीवी और आठ बच्चों को भेज देता था। वह खुद कोई काम नहीं करता था। उसे शराब की लत थी। शराब के नशे में घर के सदस्यों के साथ अक्सर गाली-गलौज व मारपीट करता था। कई अन्य महिलाओं के साथ उसके अवैध संबंध भी थे।
पत्नी और सौतेले बेटे ने बनाया मर्डर प्लान
विशेष आयुक्त अपराध शाखा रविंद्र कुमार यादव के मुताबिक, अंजन दास की हरकतों से तंग आकर पूनम और उसके बेटे दीपक ने मिलकर उसकी हत्या का प्लान बनाया। 30 मई 2022 को दोनों ने अंजन दास की पहले तो चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी फिर शव के 10 टुकड़े कर उसे चांद सिनेमा के पास स्थित रामलीला ग्राउंड में अलग-अलग जगहों पर गड्ढा खोदकर दफना दिया।
शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखा
पुलिस का दावा है कि मानव अंगों को फेंकने से पहले उसे कुछ दिन फ्रिज में भी रखा गया था। मृतक की गुमशुदगी त्रिलोकपुरी थाने में दर्ज नहीं थी। इस कारण शव की पहचान होने में कई महीने का समय लग गया। शव की शिनाख्त अंजन दास के रूप में होने के बाद क्राइम ब्रांच ने पत्नी और सौतेले बेटे को दबोच कर रहस्य से पर्दा उठा दिया।