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सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- आम्रपाली में हुआ है बड़ा घोटाला, सब जाएंगे जेल

कोर्ट ने कहा कि अगर सौ लोग दोषी होंगे तो वे अंदर जाएंगे। बहुत से लोग पर्दे के पीछे हो सकते हैं। ऐसे किसी को नहीं छोड़ सकते। ऐसे में अगर कोई बीच में आता है तो उसकी हमें परवाह नहीं।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:53 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- आम्रपाली में हुआ है बड़ा घोटाला, सब जाएंगे जेल
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- आम्रपाली में हुआ है बड़ा घोटाला, सब जाएंगे जेल

नई दिल्ली (जेएनएन)। होम बायर्स से पैसा लेकर वर्षों से घर के लिए भटका रही आम्रपाली कंपनी पर मंगलवार को सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली की नोएडा, ग्रेटर नोएडा की रियल स्टेट परियोजनाओं में बड़ी धोखाधड़ी हुई है। कोर्ट किसी को नहीं छोड़ेगा। एक एक पाई वसूल लेगा और दोषियों का पता लगाकर दंडित किया जाएगा।

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कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों का नये सिरे से फॉरेंसिक आडिट कराने का संकेत दिया और परेशान होम बायर्स के प्रति चिंता जताते हुए कहा कि उन्हें अपना घर जरूर मिलना चाहिए। उधर दूसरी ओर नेशनल बिल्डिंग कांस्ट्रेक्शन कारपोरेशन (एनबीसी) ने आम्रपाली की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने की योजना कोर्ट में पेश की। इसमें 8500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गुरुवार को होगी सुनवाई 

कोर्ट ने एनबीसीसी से कहा कि वह पूरा प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले ले। प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए कोर्ट पैसे का इंतजाम करके उसे देगा। उसे अपना पैसा नहीं लगाना होगा। एनबीसीसी ने रिपोर्ट में परियोजनाओं को ए बी सी तीन श्रेणियों में बांटते हुए उन्हें पूरा करने का समय भी रिपोर्ट में दिया है। मामले में गुरुवार को फिर सुनवाई होगी।

खाते कोर्ट के आदेश पर सील

आम्रपाली कंपनी के प्रति नाराजगी जताते हुए ये सख्त टिप्पणियां न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने ये होम बायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कीं। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने आम्रपाली कंपनी के सभी वर्तमान और पूर्व निदेशकों की निजी संपत्तियों और खातों का ब्योरा तलब किया था। सबके खाते भी कोर्ट के आदेश पर सील हैं।

बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है

मंगलवार को कंपनी के कुछ पुराने निदेशकों की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट के एकतरफा आदेश पर ऐतराज जताए जाने और उनका कंपनी से कोई लेना देना नही होने की बात कहने पर कोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। अगर उस पैसे से किसी अन्य की फंडिंग हुई है तो वो भी पता लगा लिया जाएगा और फिर वो व्यक्ति भी मुश्किल में पड़ेगा। एक एक दोषी को ढूंढ कर दंडित किया जाएगा। कोर्ट ने पूर्व निदेशकों के वकीलों से कहा कि वे मामले का स्वतंत्र एजेंसी से फारेंसिक आडिट कराएंगे और उसके बाद ही ये देखा जाएगा कि कौन दोषी है और कौन नहीं। अभी कोर्ट किसी को क्लीनचिट नहीं दे सकता।

बहुत से लोग पर्दे के पीछे हो सकते हैं

कोर्ट ने कहा कि अगर सौ लोग दोषी होंगे तो वे अंदर जाएंगे। बहुत से लोग पर्दे के पीछे हो सकते हैं। ऐसे किसी को नहीं छोड़ सकते। ऐसे में अगर कोई बीच में आता है तो उसकी हमें परवाह नहीं।

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आप लोग भरोसे लायक नहीं

आम्रपाली की ओर से परियोजनाओं को पूरा करने की योजना की दलील दिये जाने पर कोर्ट ने कहा कि आप लोग भरोसे लायक नहीं है। 2011-12 की परियोजना है और अब 2018 चल रहा है लेकिन घर अभी तक नहीं मिला। आम्रपाली की ओर से पैसा एकत्र करने के लिए बेची जा सकने वाली संपत्तियों का ब्योरा दिया गया जिस पर कोर्ट ने उनके वकील गौरव भाटिया से कहा कि बगैर देनदारियों की संपत्तियों की जो सूची दी गई है उसमें स्ट्रेस सेल का मूल्यांकन भी बताया जाए साथ ही नोएडा ग्रेटर नोएडा अथारिटी का कितना बकाया है ये भी बताया जाए।

फॉरेंसिक आडिट के लिए मांगा नामों का सुझाव

आम्रपाली की 46 कंपनियों का फॉरेंसिक ऑडिट कर रही कंपनी पर बैंक आफ बड़ौदा के वकील एएसजी मनिंदर सिंह द्वारा हितों के टकराव का मुद्दा उठाए जाने पर कोर्ट ने उनसे स्वतंत्र फारेंसिक आडिट के लिए नाम सुझाने को कहा है।

आम्रपाली की संपत्ति नीलाम करके प्रोजेक्ट पूरे किये जाएं

खरीदारों के वकील एमएल लाहौती ने कोर्ट से कहा कि यूनीटेक की तरह कोर्ट कमेटी गठित करे जो आम्रपाली की देनदारी से मुक्त संपत्तियों को बेंच कर पैसा एकत्र करे और फिर उस पैसे से एनबीसीसी अधूरी परियोजनाएं पूरी करे।


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