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Delhi Yamuna Pollution: यमुना में दिखने लगा नजफगढ़ ड्रेन में हुए सुधार का असर, दो जगह कम हुई प्रदूषण की मात्रा

Delhi Yamuna Pollution अगस्त में जहां नाले में बीओडी का स्तर 75 था इस साल जनवरी में घटकर 53 रह गया है। यही गुणवत्ता यमुना नदी में भी देखने को मिल रही है। जहां अगस्त में बीओडी का स्तर 48 था वहीं जनवरी में 38 रह गया है।

By Sanjay GuptaEdited By: Abhishek TiwariPublished: Tue, 24 Jan 2023 10:16 AM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 10:16 AM (IST)
Delhi Yamuna Pollution: यमुना में दिखने लगा नजफगढ़ ड्रेन में हुए सुधार का असर, दो जगह कम हुई प्रदूषण की मात्रा
Delhi Yamuna Pollution: यमुना में दिखने लगा नजफगढ़ ड्रेन में हुए सुधार का असर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नजफगढ़ ड्रेन में हुए सुधार का असर यमुना में भी नजर आने लगा है। दो जगहों पर बीओडी कम होने लगा है। पिछले कई माह से ड्रेन के साथ ही यमुना में आइएसबीटी और ओखला पर भी बीओडी का स्तर लगातार गिर रहा है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना नजफगढ़ ड्रेन की सफाई पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहे हैं। समय-समय पर बैठकें भी ले रहे हैं और दौरा भी कर रहे हैं।

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दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और पर्यावरण विभाग द्वारा हर माह की जाने वाली नदी और नाले की गुणवत्ता जांच से पता चला है कि नजफगढ़ नाले में बायोकेमिकल्स आक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर अगस्त 2022 से लगातार गिर रहा है। अगस्त में जहां नाले में बीओडी का स्तर 75 था, इस साल जनवरी में घटकर 53 रह गया है। यही गुणवत्ता यमुना नदी में भी देखने को मिल रही है। जहां अगस्त में बीओडी का स्तर 48 था, वहीं जनवरी में 38 रह गया है।

कश्मीरी गेट के पास नदी के पानी में कम हो रही प्रदूषण की मात्रा

राजनिवास सूत्रों का दावा है कि वीके सक्सेना के एलजी का पदभार संभालने के बाद नजफगढ़ नाले की सफाई का काम अगस्त में शुरू हुआ था। इसके बाद से ओखला व आईएसबीटी कश्मीरी गेट के पास नदी के पानी में प्रदूषण की मात्रा लगातर कम हो रही है। नवंबर के मध्य में नजफगढ़ नाले में गिरने वाले उपनालों, फीडर नालों की सफाई कर गाद निकालना शुरू किया गया।

अब तक पारंपरिक माध्यमों से कुल 80 हजार क्यूबिक मीटर या एक लाख 28 हजार मीट्रिक टन में से 50000 क्यूबिक मीटर (80000 मीट्रिक टन) गाद निकाली जा चुकी है। आंशिक गुरुत्वाकर्षण तकनीक से 30 हजार घन मीटर (48,000 मीट्रिक टन) गाद निकाली गई है।

पिछले पांच साल से वार्षिक औसत डिसिल्टिंग करीब 90 हजार मीट्रिक टन थी। नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले आधिकारिक रूप से कुल 44 नाले टैप किए गए हैं, जबकि हकीकत में कुछ और भी हैं जिन्हें टैप किया जा रहा है। अब तक कुल 12 नालों की सफाई की जा चुकी है। जनवरी के अंत तक छह और टैप किए जाएंगे।

क्या है बीओडी

जैविक अथवा जैवरासायनिक आक्सीजन मांग (बीओडी) पानी में कार्बनिक पदार्थों के अपघटन के लिए सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलनशील आक्सीजन की मात्रा होती है। निम्न बीओडी अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का एक संकेतक होता है जबकि उच्च बीओडी प्रदूषित पानी को दर्शाता है।


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