कोरोना संकट के बीच डीजल के दाम पेट्रोल से ज्यादा होने पर व्यापारियों में गुस्सा, कहा- ऐसे काम ठप हो जाएगा
राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ोत्तरी स्पर्धा में पहली बार डीजल जीत गया। पेट्रोल के मुकाबले डीजल 12 पैसे महंगा हो गया है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ोत्तरी स्पर्धा में पहली बार डीजल जीत गया। पेट्रोल के मुकाबले डीजल 12 पैसे महंगा हो गया है। बुधवार को डीजल जहां 79.88 रुपये प्रति लीटर में बिका तो पेट्रोल 79.76 रुपये में मिल रहा था। वैसे, 18वें दिन डीजल के दाम में 48 पैसे की वृद्धि हुई। तो बुधवार को पेट्रोल के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई, इस कारण पेट्रोल से डीजल आगे निकल गया। इधर, पेट्रोल पदार्थों की इस दाम बढ़ोत्तरी की दौड़ से दिल्ली के लोग हैरान-परेशान है।
केंद्र और राज्य से राहत की गुहार
लोग केंद्र व राज्य सरकार से गुहार लगाने लगे हैं कि वह राहत की तरकीब निकालें। केंद्र जहां उत्पाद शुल्क में कटौती करें। वहीं दिल्ली सरकार वैट दर घटाएं। ताकि वैश्विक महामारी कोरोना के साथ महंगाई से जूझते लोगों को कम से कम एक मोर्चे पर राहत मिले।ये चिंताजनक स्थिति है। एक तरफ हम कोरोना महामारी से जूझते हुए उद्योग धंधों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, पेट्रो पदार्थों में बढ़ोत्तरी ने परेशान लोगों की जेब पर चोट पहुंचाने की कोशिश की है।
व्यापारियों ने कहा
डीजल का दाम बढ़ने से निश्चित ही माल की ढुलाई महंगी हो जाएगी, जिसका असर सामानों के दाम पर पड़ेगा। कमोबेश हर चीज महंगी हो जाएगी। तत्काल केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।
परमीत सिंह गोल्डी, अध्यक्ष, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
केंद्र व राज्य सरकार को इस मामले में तुरंत कदम उठाने चाहिए। यह चिंताजनक स्थिति है कि पहली बार पेट्रोल के मुकाबले डीजल के दाम अधिक हो गए हैं। इससे माल ढुलाई खर्च बढ़ेगा। उत्पाद शुल्क के साथ बढ़ाए गए वैट दरों में कटौती की जानी चाहिए। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रो पदार्थों के दाम कम थे तो इस बढ़ोत्तरी का असर नहीं था, लेकिन अब हालात खराब हो रहे हैं। स्थिति काम रोकने की आ गई है।
राजेंद्र कपूर, अध्यक्ष, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आर्गनाइजेशन
लगातार पेट्रो पदार्थों के दाम बढ़ने से कारोबारियों की सांसे फूलने लगी है। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से मंदा पड़ा बिजनेस डीजल की बढ़ती कीमतों से ठप होने की ओर है। डीजल का उपयोग उद्योग में भी होता है। इस बढ़ोत्तरी से उत्पाद भी महंगे हो जाएंगे।
हेमंत गुप्ता, महासचिव, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल
दिल्ली में वैट बढ़ने से डीजल 7 रुपये महंगा हुआ है। वहीं, केंद्र सरकार ने भी 13 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाए है। अगर यह बढ़ोत्तरी वापस ले ली जाती है तो सीधे 20 रुपये दाम कम हो जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। इसपर दोनों सरकारों को गंभीरता से विचार करते हुए बढ़ोत्तरी को वापस लेना चाहिए।
राकेश यादव, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन