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अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के तार इजरायली दूतावास के पास हुए बम धमाके से जुड़े

Mukesh Ambani bomb scare सूत्र बताते हैं शनिवार को हुई पूछताछ में तहसीन से कोई खाममस जानकारी नहीं मिल सकी है। ऐसे में यदि वह अपने कारनामे को स्वीकार नहीं करता है तो मुंबई पुलिस व स्पेशल सेल द्वारा उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 09:49 AM (IST)
अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के तार इजरायली दूतावास के पास हुए बम धमाके से जुड़े
तिहाड़ जेल संख्या-8 में बंद आइएम के आतंकी तहसीन अख्तर की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, राकेश कुमार सिंह। लुटियंस दिल्ली में स्थित इजरायली दूतावास के पास हुए बम धमाके व दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक भरी कार खड़ी कराने की घटना के तार आपस में जुड़ गए हैं। दरअसल, दोनों वारदात की साजिश इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने तिहाड़ जेल में रची थी। यही नहीं तिहाड़ जेल संख्या आठ से बरामद दोनों मोबाइलों का प्रयोग आतंकी तहसीन द्वारा ही किए जाने की बात भी सामने आई है। हालांकि, मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से स्पेशल सेल व मुंबई पुलिस अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

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दोनों एजेंसियां मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं, लेकिन दोनों मोबाइल तहसीन के होने से साफ है कि जैश-उल-हिंद के नाम पर साजिश रचने और दोनों कारनामों का मास्टर माइंड वही है। 30 जनवरी को लटियंस दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के पास बम धमाका हुआ था। इसकी जिम्मेदारी जैश-उल-हिंद नाम के संगठन ने ली थी। इसके बाद 26 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की 20 छड़ों से भरी स्कार्पियो कार मिली थी। इसकी जिम्मेदारी भी इसी संगठन ने ली थी। इस मामले की जब जांच की गई तो तार तिहाड़ जेल से जुड़े।

तहसीन से कई घंटे तक पूछताछ 

इसके बाद दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाली तिहाड़ जेल में बृहस्पतिवार की रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छापा मारा। इसमें जेल संख्या आठ में कैद आतंकी तहसीन अख्तर की सेल से दो मोबाइल व सिम बरामद हुए। शनिवार को अदालत से अनुमति मिलने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की 10 सदस्यीय टीम ने दिन में तीन बजे जेल पहुंचकर तहसीन से कई घंटे तक पूछताछ की।

सूत्रों के मुताबिक जिस तरह की सेल में तहसीन को रखा गया है। उसमें आमतौर पर तीन अथवा चार कैदी रखे जाते हैं। हालांकि, इस सेल में कितने कैदी थे, इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल सका है। वहीं बरामद दो मोबाइलों में से एक उत्तम नगर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है। बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन को 2014 में तिहाड़ लाया गया था तब से वह यहीं बंद है। इस पर 2010 से 2014 के बीच बिहार सहित कई राज्यों में बम धमाके कराने का आरोप है।

 रिमांड पर ले सकती है स्पेशल सेल

आतंकी तहसीन को स्पेशल सेल रिमांड पर ले सकती है। सूत्र बताते हैं शनिवार को हुई पूछताछ में तहसीन से कोई खाममस जानकारी नहीं मिल सकी है। ऐसे में यदि वह अपने कारनामे को स्वीकार नहीं करता है तो मुंबई पुलिस व स्पेशल सेल द्वारा उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। आतंकी पर शिकंजा कसने को जुटाने होंगे अहम सुबूत जेल सूत्रों की मानें तो तहसीन से दोनों मोबाइल के तार जुड़ने के बाद भी जांच एजेंसियों को दोनों घटनाओं को उससे जोड़ने के लिए काफी सुबूत जुटाने होंगे। यह पता लगाना होगा कि उसने जैश-उल-हिंद बनकर जिम्मेदारी क्यों ली..? जेल में रहते हुए उसने दोनों घटनाओं को कैसे अंजाम दिया।


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