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दिल्ली के कुछ युवाओं के संपर्क में थे तीनों आतंकी, पाकिस्तान-ISIS से निकला लिंक

आरोपितों ने दिल्ली-एनसीआर में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। स्पेशल सेल और अधिक अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 08:39 AM (IST)
दिल्ली के कुछ युवाओं के संपर्क में थे तीनों आतंकी, पाकिस्तान-ISIS से निकला लिंक
दिल्ली के कुछ युवाओं के संपर्क में थे तीनों आतंकी, पाकिस्तान-ISIS से निकला लिंक

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस व असम पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में असम से गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के बांग्लादेश मॉड्यूल से प्रभावित तीनों संदिग्ध आतंकियों लुइत जमील जमान, मुकादिर इस्लाम व रंजीत इस्लाम दिल्ली में रह रहे आइएसआइएस प्रभावित कुछ युवकों के संपर्क में थे। उन्हें पूछताछ के लिए दस दिन के रिमांड पर लिया गया है।

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, तीनों दिल्ली के जिन युवाओं के संपर्क में थे उनकी पहचान कर ली गई है। ये युवक जाफराबाद के रहने वाले हैं। इससे पहले चार साल पूर्व जाफराबाद इलाके से ही आइएसआइएस के कुछ संदिग्ध गिरफ्तार किए गए थे।

आरोपितों ने दिल्ली-एनसीआर में धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। स्पेशल सेल और अधिक अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। आरोपितों ने बताया कि असम में रास मेले में हमले की साजिश उन्होंने एक महीने पहले रची थी। ये लोग कई वाट्सएप ग्रुप व कई ऐसी एप से जुड़े थे, जिन्हें डीकोड करना एजेंसियों के लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। बम बनाने के लिए ये आइएसआइएस की वेबसाइट का इस्तेमाल करते थे।

दिल्ली और असम में बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम

यहां पर बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असम पुलिस के साथ मिलकर असम के ग्वालपाड़ा से इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) से प्रभावित तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनकी योजना सोमवार शाम रास मेला में बड़ा हमला करने की थी। असम में धमाका करने के बाद इन्होंने दिल्ली में बड़ा हमला करने की साजिश रची थी। सभी संदिग्ध असम के रहने वाले हैं।

डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि तीनों संदिग्ध आइएसआइएस के बांग्लादेश मॉड्यूल से प्रभावित हैं। इनके नाम लुइत जमील जमान, मुकादिर इस्लाम व रंजीत इस्लाम है। इनके पास से एक तैयार आइईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोटक बरामद हुआ है। ऐसे विस्फोटक का प्रयोग 2017 में उज्जैन में ट्रेन विस्फोट में किया गया था। साथ ही एक किलो विस्फोटक पाउडर, दो तलवार, बटनदार चाकू, चार मोबाइल, आइईडी तैयार करने का सामान, जेहादी साहित्य भी मिला है। उनके मोबाइल में आइएसआइएस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

स्पेशल सेल ने कुछ साल पहले कट्टरपंथी युवकों के एक समूह की पहचान की थी। तीन-चार युवकों के इस समूह पर सर्विलांस से नजर रखी जा रही थी। विस्फोट के बाद इनकी लोन वुल्फ अटैक कर तलवार और चाकुओं से मारकाट करने की योजना थी। विस्फोट की साजिश को नाकाम करने और संदिग्धों को पकड़ने के लिए एसीपी ललित मोहन नेगी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम को 23 नवंबर को असम भेजा गया। 24 नवंबर को असम पुलिस के साथ ग्वालपाड़ा में मधुबन लॉज से तीनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि बरामद आइईडी धमाके के लिए तैयार था। मेले में आइईडी ले जाकर सिर्फ बैट्री के तार जोड़ने थे। असम में धमाका परीक्षण मात्र था। दरअसल, इनकी साजिश दिल्ली में बड़े आतंकी हमले की थी। धमाकों के लिए आइईडी बनाने का सामान व विस्फोटक सामग्री जमा कर ली गई थी जो रंजीत और जमील के घर छिपाई गई थी। टीम ने दोनों के घर से एक किलो विस्फोटक व आइईडी बनाने का सामान बरामद किया है।


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