राजेंद्र नगर के सभी कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी पूरी तरह बंद, छात्रों का आरोप- लाखों की फीस, सुविधाएं बेकार
प्रदर्शन में शामिल दिल्ली के रहने वाले छात्र अभिमन्यु गर्ग ने कहा ओल्ड राजेंद्र नगर में लगभग 400 पुस्तकालय और कोचिंग सेंटर हैं। इनमें हर महीने के हिसाब से 200 से 3500 हजार तक किराया लिया जाता है। अधिकतर यह किराया नकद और यूपीआइ के जरिये भुगतान कराया जाता है। लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। खासकर सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
उदय जगताप, नई दिल्ली। राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन विद्यार्थियों की मौत के तीसरे दिन ओल्ड राजेंद्र नगर के सभी कोचिंग सेंटर और पुस्तकालय पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। निजी पुस्तकालयों और कोचिंग सेंटरों की ओर से छात्रों को संदेश भेजकर कहा गया कि सभी पुस्तकालय 30 जुलाई तक बंद किए जा रहे हैं। छात्रों से पुस्तकालयों से आधे घंटे में अपना सामान उठाने को कहा गया। उधर, घटना के तीसरे दिन छात्रों का राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बाहर प्रदर्शन जारी रहा।
प्रदर्शन में शामिल दिल्ली के रहने वाले छात्र अभिमन्यु गर्ग ने कहा, "ओल्ड राजेंद्र नगर में लगभग 400 पुस्तकालय और कोचिंग सेंटर हैं। इनमें हर महीने के हिसाब से 200 से 3500 हजार तक किराया लिया जाता है। अधिकतर यह किराया नकद और यूपीआई के जरिये भुगतान कराया जाता है। लेकिन, सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं मिलता है। खासकर सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। अधिकतर जगह राव आईएएस कोचिंग सेंटर से भी बदतर हालात हैं। एक कोचिंग सेंटर में बेसमेंट में 500 छात्र एक साथ पढ़ते हैं और वहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। फायर एग्जिट तक की व्यवस्था नहीं है। अधिकतर जगह आने-जाने के एक ही गेट हैं।"
जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो: छात्र
पुणे से आकर पिछले एक वर्ष से तैयारी कर रहे छात्र संकेत ने कहा, "10-10 लाख सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं। लेकिन, लाखों रुपये की फीस लेने वाले राव आइएएस कोचिंग सेंटर की ओर से दो शब्द के अलावा कुछ नहीं कहा गया है। हमने एक-एक करोड़ का मुआवजा मृतकों के स्वजनों को कोचिंग सेंटर की ओर से दिए जाने की मांग की है। इसके लिए एमसीडी के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी एफआईआर और कार्रवाई होनी चाहिए।"
संकेत ने कहा, "इथिक्स का पेपर पढ़ाने के कोचिंग सेंटर 20 हजार रुपये तक लेते हैं। लेकिन, वे किसी भी इथिक्स का पालन नहीं करते। खुले बिजली के तार नीचे लटकते रहते हैं, लेकिन उसकी किसी को सुध नहीं रहती। कभी भरे पानी में बिजली करंट दौड़ने से हादसे का इंतजार किया जा रहा है।"
यूपीएससी मुख्य परीक्षा की पढ़ाई हो रही बाधित
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा 16 जून को आयोजित हो चुकी है। उसके परिणाम भी जारी हो चुके हैं। अब छात्र मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। एक छात्र ने कहा, बगैर नोटिस के पुस्तकालय बंद कर दिए गए हैं। सामान उठाने के लिए आधे घंटे का समय दिया गया। कई छात्र अपनी किताबें लैपटॉप नहीं ले सके। इससे वे पढ़ भी नहीं पा रहे हैं। 20 सितंबर को मुख्य परीक्षा आयोजित होनी है। छात्र तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। छात्रों ने कहा, हमारी मांग है कि जल्द से जल्द मृतक साथियों के स्वजन को न्याय मिले और पूरी सुरक्षा के साथ कोचिंग संस्थान खोले जाएं।