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Alka Lamba: अलका लांबा का विवादों से रहा है पुराना नाता, महिला नेत्री के बारे में जानें सब कुछ

Alka Lamba अपनी बेबाक टिप्पणी और तीखे कटाक्ष के चर्चित कांग्रेस नेता अलका लांबा एक बार फिर विवादों में हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 03:58 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 04:10 PM (IST)
Alka Lamba: अलका लांबा का विवादों से रहा है पुराना नाता, महिला नेत्री के बारे में जानें सब कुछ
Alka Lamba: अलका लांबा का विवादों से रहा है पुराना नाता, महिला नेत्री के बारे में जानें सब कुछ

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Alka Lamba: अपनी बेबाक टिप्पणी और तीखे कटाक्ष के लिए चर्चित कांग्रेस नेता अलका लांबा एक बार फिर विवादों में हैं। एक दिन पहले ही अलका लांबा ने मर्यादा की सारी सीमाएं तोड़ते हुए ओलंपियन योगेश्वर दत्त को ट्वीटर पर अपशब्द कहे। बता दें कि चांदनी चौक सीट से आम आदमी पार्टी की विधायक रह चुकीं अलका लांबा और योगेश्वर दत्त सोमवार को ट्वीटर पर भिड़ गए थे। हुआ यूं कि अलका  लांबा ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद पहलवान और भाजपा नेता योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर जवाब दे दिया। इस पर अलका लांबा इतनी भड़क गईं कि उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। 

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ट्विटर पर योगेश्वर दत्त और अलका लांबा के बीच तीखी तकरार

ट्विटर पर सोमवार को कांग्रेस नेता अलका लांबा ट्रोल हो गई। इसकी शुरुआत हुई भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त और अलका लांबा के बीच ट्वीट पर तीखी नोंकझोंक से। लेकिन बहुत जल्द अलका लांबा अपना संयम खो बैठी और उनके ट्वीट की भाषा आपत्तिजनक हो गई। इसके बाद तो ट्विटर पर लोगों ने अलका लांबा को जमकर कोसा।

'शेम अलका लांबा'

ट्विटर ट्रेंड पर हैशटैग शेम अलका लांबा ट्रेंड करने लगा। सोमवार देर शाम तक यह हैशटैग ट्रेंड में पहले पायदान पर रहा। दरअसल, अलका लांबा ने एक फोटो पांच अप्रैल रात करीब साढ़े दस बजे रीट्वीट किया। फोटो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। अलका लांबा की भाषा काफी अमर्यादित थी। जिस पर पहलवान योगेश्वर दत्त बिफर गए। उन्होंने अलका लांबा को ट्वीट कर जवाब दिया। लेकिन इसके बाद तो अलका लांबा मानों अपना संयम खो बैठी और जो ट्वीट किया, उसकी भाषा कहीं से भी मर्यादित नहीं कही जा सकती।

सोमवार शाम तक 25,000 से ज्यादा ट्वीट

अलका लांबा ने योगेश्वर दत्ता के खिलाफ अपशब्दों का भी प्रयोग किया। जिस पर योगेश्वर दत्त ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, सार्वजनिक मंच पर ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाली को जब अपनी गरिमा का ध्यान नहीं तो मैं इनसे, मेरी मां के अथवा माननीय प्रधानमंत्री के गौरव का ध्यान करने रखने की आशा कैसे करूं। इस देश में पुरुष होने का कुछ घाटा भी है। आप महिला कार्ड भी खेल लीजिएगा। यह ट्वीट उन्होंने हैशटैग शेम अलका लांबा से किया था। इसके बाद तो इसी हैशटैग से ट्वीट की बाढ़ सी आ गई। देर शाम तक 25 हजार से भी ज्यादा ट्वीट किए गए। यह ट्विटर ट्रेंड के पहले पायदान पर रहा। उपासना सिंह ने ट्वीट किया कि इस तरह की भाषा कहीं से भी मर्यादित नहीं।  

ये हैं कुछ चर्चित विवाद

  • चांदनी चौक की विधायक रहने के दौरान अलका लांबा का विश्वास नगर से भाजपा विधायक ओपी शर्मा से झड़प का मामला काफा गरमाया था। यह विवाद दिल्ली विधानसभा में भी उठा था। दरअसल, दिल्ली की एक दुकान में तोड़फोड़ को लेकर भाजपा ने उन्हें आपत्तिजनक शब्द कहे थे। मामला 2015 का है।  आरोप है कि  9 अगस्त को अलका ने भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा की दुकान में प्रवेश करके कैश बिल मशीन को फेंक दिया था।
  • अलका लांबा 8 साल पहले वर्ष 2012 में तब ज्यादा सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने एक राज्य की दुष्कर्म पीड़िता लड़की का नाम सार्वजनिक कर दिया था।
  • अलका लांबा का दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ भी विवाद रहा था। इसको  लेकर उनका AAP विधायक सौरभ भारद्वाज के ट्वीटर वार भी हुआ था। आखिरकार अलका लांबा ने 2019 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी को अलविदा कर दिया था।  

आइये जानते हैं कैसे एक छात्र नेता से तय किया विधायक पद का सफर। 

  • 90 के दशक में 2 महिला छात्र नेत्रियों ने अपनी खूबसूरती के जरिये धूम बचाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (Delhi University Student Union) अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। पहली थीं शालू मलिक और दूसरी अलका लांबा।
  • 1995 में अलका लांबा ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव बड़े अंतर से जीता था।
  • अलका लांबा एनएसयूआइ की ओर से स्टेट गर्ल कनवीनर का पद भी संभाल चुकी हैं।
  • वर्ष 2002 में अलका को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।
  • चार साल बाद वर्ष 2006 में अलका अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की सदस्य बनीं।
  • दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के महासचिव भी नियुक्त हुईं
  • अलका ने 16 जुलाई 2012 को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग का प्रतिनिधित्व भी किया था।
  • अलका लांबा ने अपना पहला चुनाव 2003 में दिल्ली के मोती नगर विधानसभा सीट से लड़ा था। यह सीट दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना की मानी जाती थी। हालांकि, अलका अपना यह चुनाव हार गई थीं, लेकिन लोग उन्हें बखूबी जानने लगे थे। 
  • अलका लांबा को शीला दीक्षित का काफी करीबी भी माना जाता था।
  • वह महिला एंव बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक कॉर्पोरेशन एंड चाइल्ड डेवलेपमेंट की वाइस चेयरपर्सन का पद भी संभाल चुकी हैं। 
  • अलका का एनजीओ है, जिसका नाम 'गो इंडिया फाउंडेशन' है। 
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