राजधानी में दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर होगा इन सड़कों का नाम, एनडीएमसी ने भेजा प्रस्ताव
अकबर रोड का नाम बदलकर जनरल बिपिन रावत होना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ी को देश सेवा की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह एक प्रमुख सड़क है इसलिए इस सड़क का नाम बदलने का विचार उनके मन में आया।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। हेलीकाप्टर हादसे में जान गंवाने वाले प्रथम रक्षा प्रमुख (सीडीएस) बिपिन रावत के नाम पर विभिन्न सड़कों का नाम करने के प्रस्ताव आ रहे हैं। ऐसे में अब नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के ही सदस्य गिरीश सचदेवा की ओर से अकबर रोड का नाम जनरल बिपिन रावत करने का प्रस्ताव काउंसिल की बैठक के लिए भेजा गया है।
22 दिसंबर को काउंसिल की बैठक प्रस्तावित है। अब एनडीएमसी की सचिव पर निर्भर है कि वह इस प्रस्ताव को काउंसिल में ले जाएं या नही। दरअसल, एनडीएमसी एक्ट की धारा 23 में सदस्यों को शक्तियां दी गई है कि वह ऐसा कोई भी प्रस्ताव सचिव के माध्यम से काउंसिल की मंजूरी के लिए रख सकते हैं जो कि बैठक के एजेंडे में न हो। धारा 23 के तहत आए प्रस्तावों पर एनडीएमसी की सचिव को विवेकानुसार निर्णय लेना होता है। प्रस्ताव भेजने वाले एनडीएमसी के सदस्य गिरीश सचदेवा ने कहा कि जनरल बिपिन रावत के जाने से पूरा देश गमगीन हैं।
ऐसे में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए एनडीएमसी को भी कदम उठाने चाहिए। इसलिए अकबर रोड का नाम बदलकर जनरल बिपिन रावत होना चाहिए। इससे आने वाली पीढ़ी को देश सेवा की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह एक प्रमुख सड़क है इसलिए इस सड़क का नाम बदलने का विचार उनके मन में आया। उल्लेखनीय है कि इंडिया गेट गोलचक्कर से अकबर रोड शुरू होती है और तीन मूर्ति मार्ग पर जाकर खत्म होती है।
करीब ढाई किलोमीटर लंबी यह सड़क है। इससे पूर्व बीते पांच वर्षों में कई मार्गों के नाम बदले गए हैं। प्रधानमंत्री के आवास के मार्ग का नाम जो कि पहले आरसीआर मार्ग के नाम से जाना जाता था। वर्ष 2016 में इसे बदला गया था। इससे पूर्व 2015 में औरगंजेब रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया था।
काउंसिल के पास है पूरा अधिकार: नई दिल्ली नगर पालिका परिषद में जनसंपर्क अधिकारी रहे मदन थपरियाल का कहना है कि काउंसिल के पास ऐसे प्रस्तावों पर विचार करने और पारित करने का पूरा अधिकार है। काउंसिल इन प्रस्तावों को पारित कर दिल्ली सरकार की रोड ने¨मग कमेटी के पास भेज देती है। ताकि सरकारी कागजों में भी इसे बदला जा सके।