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NSA Ajit Doval: JNU के छात्रों को विवेकानंद के दर्शन के बारे में बताएंगे अजीत डोभाल

NSA Ajit Doval पहले युवा महोत्सव के आखिरी दिन आगामी 12 जनवरी को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों और दर्शन से रू-ब-रू कराएंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 07:41 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 07:42 AM (IST)
NSA Ajit Doval: JNU के छात्रों को विवेकानंद के दर्शन के बारे में बताएंगे अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया था। उस समय प्रधानमंत्री ने जेएनयू के छात्रों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया था, जिसके बाद जेएनयू प्रशासन ने हर साल विवेकानंद की जयंती पर युवा महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया था। इस कड़ी में पहले युवा महोत्सव के आखिरी दिन 12 जनवरी को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल जेएनयू के छात्रों को स्वामी विवेकानंद के विचारों और दर्शन से रू-ब-रू कराएंगे।

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जेएनयू प्रशासन ने बताया कि 6 से 12 जनवरी तक आयोजित किए जा रहे युवा महोत्सव के तहत विभिन्न क्षेत्रों की शख्सियत स्वामी विवेकानंद के विचारों व दर्शन से छात्रों को रू-ब-रू करा रहीं हैं। इसी कड़ी में 12 जनवरी को शाम चार बजे अजित डोभाल छात्रों को संबोधित करेंगे। जेएनयू के एक प्रोफेसर ने बताया कि डोभाल पहले भी जेएनयू के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं। विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण के बाद वे पहली बार जेएनयू छात्रों से मुखातिब होंगे।

विवेकानंद की प्रतिमा के साथ हुई थी अभद्रता

जनवरी 2019 में जेएनयू परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित की गई थी। नवंबर 2019 में प्रतिमा के नीचे आपत्तिजनक व अभद्र संदेश लिखे थे और प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ भी की गई थी। इस मामले में जेएनयू प्रशासन ने केस भी किया था।

राष्ट्रीय इच्छाशक्ति जरूरी

जेएनयू में 2016 में देश विरोधी नारे लगाए जाने की घटना के कुछ समय बाद अजित डोभाल ने किसी का नाम लिए बिना कहा था कि देश के लिए कोई भी कुर्बानी नहीं देने वाले कुछ लोग भारत को तोड़ने की बात करते हैं। डोभाल ने तब कहा था कि यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि समाज कैसे प्रतिक्रिया देता है या मूकदर्शक बना रहता है। उन्होंने इस तरह की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए एक राष्ट्रीय इच्छाशक्ति विकसित करने की बात कही थी।

खेल प्रतियोगिताएं भी हो रहीं

युवा महोत्सव में सिर्फ अकादमिक चर्चाएं ही नहीं हो रहीं, बल्कि खेलकूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो रही हैं। 9 से 11 जनवरी तक बैडमिंटन और टेबल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

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