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शुभ-अशुभ के फेर में लटकी नियुक्ति, अजय माकन बने रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

इस्तीफे की अटकलों के बीच संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर फिलहाल अजय माकन ही बने रहेंगे। हालांकि अब कोई भी निर्णय श्राद्ध पक्ष के बाद यानी नवरात्र में ही होगा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 02:16 PM (IST)
शुभ-अशुभ के फेर में लटकी नियुक्ति, अजय माकन बने रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
शुभ-अशुभ के फेर में लटकी नियुक्ति, अजय माकन बने रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। इस्तीफे की अटकलों के बीच संकेत मिल रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर फिलहाल अजय माकन ही बने रहेंगे। अलबत्ता, उनकी मदद के लिए कार्यकारी अध्यक्ष व उपाध्यक्षों की एक बड़ी एवं मजबूत ‘फौज’ खड़ी की जा सकती है। हालांकि अब कोई भी निर्णय श्राद्ध पक्ष के बाद यानी नवरात्र में ही होगा। शुभ- अशुभ के चलते नौ अक्टूबर तक कोई नई नियुक्ति नहीं होगी।

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पिछले लगभग दस दिनों से प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष बदले जाने की गहमागहमी बनी हुई थी। इसकी मुख्य वजह माकन की बीमारी है, जिसके कारण वह न तो सौ फीसद फिट हैं और न ही पार्टी को अपना सौ फीसद दे पा रहे हैं। लेकिन, सिंगापुर से स्वास्थ्य जांच के बाद माकन ने साफ कर दिया है कि उन्होंने कोई इस्तीफा नहीं दिया।

नवीनतम संकेत यह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत, सचिव तथा प्रदेश प्रभारी पीसी चाको एवं कुलजीत सिंह नागरा आदि वरिष्ठ नेताओं ने हाईकमान को बताया है कि फिलहाल लोकसभा चुनाव के माहौल में प्रदेश अध्यक्ष बदलना पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दूसरी तरफ दिल्ली के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री डॉ एके वालिया, अरविंदर सिंह लवली, हारून युसूफ, राजकुमार चौहान ने भी माकन को अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (AAP) से दूरी बनाए रखने की अपनी राय ऊपर तक पहुंचा दी है।

यह भी कहा जा रहा है कि माकन के नेतृत्व में पार्टी फिर से दिल्ली में अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि इन्हीं तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए हाल फिलहाल पार्टी माकन को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने के पक्ष में गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। साथ ही यह भी विचार चल रहा है कि उनके नीचे तीन चार कार्यकारी अध्यक्ष और चार पांच उपाध्यक्षों की मजबूत टीम गठित कर दी जाए।

इस टीम में एक कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पूर्वाचल समाज से होगा तो एक अल्पसंख्यक और एक दलित वर्ग से। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को टीम में शामिल कर उनके समर्थकों को भी साधने की सोच है।


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