दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र पर अजय माकन ने उठाया सवाल, जानें- किसे लिखा पत्र
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने विशेष सत्र पर सवाल उठाते हुए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को एक चिट्ठी लिखी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हुए मिर्ची अटैक के मुद्दे पर चर्चा होगी। 'AAP' के मुताबिक विशेष सत्र के दौरान दिल्ली में भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर 30 लाख मतदाताओं के जो नाम गलत तरीके वोटर लिस्ट से कटवाए हैं उस पर भी चर्चा होगी।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने विशेष सत्र पर सवाल उठाते हुए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को एक चिट्ठी लिखी है। माकन ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को लिखा है कि विधानसभा में विशेष सत्र जनहित के मुद्दों पर चर्चा और उन पर कानून बनाने के लिए बुलाए जाते हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल पर हुए मिर्ची अटैक का मामला केवल एक व्यक्ति विशेष का मुद्दा है।
अजय माकन के मुताबिक बड़े ही आश्चर्य की बात है की दिल्ली सरकार को दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण के बढ़ते स्तर गैरकानूनी सीलिंग, डेंगू तथा दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे ज्वलंत तथा महत्वपूर्ण मुद्दों पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की फुर्सत तक नहीं है, जबकि यह सभी मुद्दे दिल्ली की जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। चिट्ठी में माकन ने लिखा है कि व्यक्तिगत और निराधार मुद्दों पर विधानसभा सत्र बुलाए जाने से ना सिर्फ दिल्ली विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचती है बल्कि जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा भी बर्बाद होता है।
अजय माकन ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर दावा किया कि 'दिल्ली में 15 साल के कांग्रेस के शासन में केवल 3 बार विशेष सत्र बुलाए गए थे जिसमें व्यवसायिक वाहनों को सीएनजी में बदलने, रिहायशी इलाकों में सीलिंग होने तथा दिल्ली सरकार के अधिकारों में कटौती का विरोध करने जैसे मुद्दे थे, जबकि 'आप' सरकार साढ़े तीन साल में 15 बार विशेष सत्र बुला चुकी है जिसमें जनहित के किसी कार्य की चर्चा नहीं की गई।'
दिल्ली की केजरीवाल सरकार फरवरी 2015 में सत्ता में आई थी जिसके बाद से कई बार दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया चुका है। केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई पर चर्चा करने, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, ईवीएम टैंपरिंग का डेमो दिखाने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात के मुख्यमंत्री रहते कथित भ्रष्टाचार उजागर करने, अफसरों की जिम्मेदारी तय करने जैसे मुद्दों पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र कई बार बुलाया जा चुका है।